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शहीद सुखदेव सिंह के वारिसों ने सम्मान ना मिलने पर कैप्टन का मंच छोड़ा

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लुधियाना : खटकडक़लां में कराए जा रहे राज्य स्तरीय शहीदी समागम के दौरान कैप्टन अमरेंद्र सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू को उस वक्त नमोशी का सामना करना पड़ा जब शहीदे-आजम भगत सिंह के पैतृक गांव में म्यूजियम के उदघाटन के दौरान नशा विरोधी मुहिम का आगाज कर रहे थे, इस दौरान नवजोत सिंह सिद्धू जब पंडाल में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे तो कुछ नौजवानों के टोलों ने सिद्धू के खिलाफ नारेबाजे करते हुए काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए।

बताया जा रहा है कि फिरोजपुर के तूड़ी बाजार में खोजे गए शहीदों के गुप्त ठिकाने को इतिहासिक दर्जा देने के बावजूद शहीदों की यादगार अभी तक नहीं बनवाई गई। इसी रोषस्वरूप नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात ना होने पर समागम में पंजाब स्टूडेंट यूनियन के सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की। इसी दौरान सिद्धू ने मंच से कहा कि बड़ा करंट आया मित्रों आपमें, बताया जा रहा है कि सुबह 10 बजे से पुलिस अधिकारियों ने उन्हें मिल्क प्लांट के कार्यालय में सिद्धू से मुलाकात करवाने का भरोसा देकर बैठाया था परंतु समागम शुरू होने के बाद सिद्धू मंच से बोलने के बावजूद उन्हें नहीं मिलवाया गया। बलजीत सिंह के मुताबिक पुलिस ने 4 सदस्यों को हिरासत में लेकर अपनी अंग्रेज भगत सोच की पहचान दी है।

उधर शहीद सुखदेव के पारिवारिक सदस्यों को बनता सम्मान ना मिलने के कारण मंच से उतर जाने का समाचार भी है। शहीदों की याद में करवाएं जा रहे समारोह में लुधियाना से पहुंचे शहीद सुखदेव सिंह के परिवार के सदस्यों ने सरकार की तरफ से मिलता सम्मान ना दिए जाने के कारण रोष स्वरूप मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह और सियासी आगुओं के मंच से दूसरी तरफ बनाए गए वीवीआईपी मंच को छोड़ दिया। इस संबंध में अशोक थापर, करन थापर, संदीप थापर ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री की तरफ से एक दिन पहले ही आमंत्रण दिया गया।

उन्होंने कहा कि भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव तीन जिस्म, एक जान थे परंतु शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव के विकास पर सरकारों द्वारा करोड़ों रूपए खर्च किए जा रहे है लेकिन शहीद सुखदेव के लुधियाना स्थित घर की तरफ जाने के लिए एक मार्ग तक नहीं बनाया गया। उन्होंने कहा कि देश की सांसद में शहीद भगत सिंह के साथ शहीद सुखदेव और राजगुरू के बुत भी स्थापित होने चाहिए। पाकिस्तान के लाहौर स्थित सोदाम चौक में आज भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेवके बुत लगाएं जा रहे है परंतु भारत में शहीदों को पूरा सम्मान ना मिलने के कारण वे विरोध स्वरूप केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल करने जा रहे है।

– सुनीलराय कामरेड

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