कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि उनकी पार्टी जीएसटी में अधिकतम दर को मौजूदा 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किए जाने तक अपना विरोध जारी रखेगी। राहुल ने आज से गुजरात में अपनी तीन दिवसीय चुनावी दौरे की शुरूआत पर गांधीनगर जिले के चिलोडा और पडोसी साबरकांठा जिले के प्रांतीज में दो सभाओं में कहा कि गुजरात की जनता और छोटे व्यवसायियों के साथ हमने सरकार पर जीएसटी को लेकर दबाव बनाया था।
उन्होंने कहा, ‘हमने पहले भी नरेंद्र मोदी जी से कहा था कि जीएसटी केवल एक टैक्स और अधिकतम 18 प्रतिशत की सीमा में होना चाहिए। अब मै बहुत खुशी से कहना चाहता हूं कि अरुण जेटली जी ने बहुत सी चीजे 28 से 18 प्रतिशत के ब्रैकेट मे डाल दिया है। पर हम यहां नहीं रूकेंगे। कांग्रेस और दबाव डालेगी। हम तब तक नहीं रूकेंगे जब तक सरकार पांच टैक्स को एक टैक्स में नहीं बदलेंगी। अगर यह काम मोदी सरकार नहीं करेगी तो जैसे ही कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हम यह बदलाव करेंगे।’
राहुल ने कहा कि इससे पहले नोटबंदी के सरकार के गलत निर्णय से लाखो लोग बेरोजगार हो गए हैं। जीएसटी के नए स्वरूप जिसे मैं गब्बर सिंह टैक्स कहता हूं, से भी लोगों को बहुत परेशानी हुई है। उन्होंने पूरी दुनिया में घटते पेट्रोल डीजल के दाम के बावजूद भारत में बढती कीमतों पर सवाल खड़े करते हुए इन्हें भी जीएसटी के दायरे में लाने की मांग दोहरायी। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने मोदी सरकार पर रोजगार सृजन तथा भ्रष्टाचार और महंगाई रोकने के सभी मुद्दों पर विफल रही है।
राहुल ने मोदी और भाजपा सरकार पर आम लोगों की बजाय उद्योगपतियों की मदद करने तथा शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों का अंधाधुंध निजीकरण करने जैसे अपने आरोप दोहराये। उन्होंने गुजरात और कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश के बीच के तुलनात्मक आंकडे पेश कर गुजरात की तुलना में वहां बेहतर विकास होने का भी दावा किया।