रायपुर : छत्तीसगढ़ के चुनावी मिशन पर कांग्रेस ने आदिवासी बेल्ट पर फोकस किया है। बस्तर में चुनावी गतिविधियों को संचालित करने के साथ विशेश मानिटरिंग के लिए राहुल गांधी की टीम तैनात कर दी गई है। राहुल की विशेष टीम बस्तर संभाग की सीटों पर कांग्रेस ने फोकस करते हुए बीते विधानसभा चुनाव का प्रदर्शन बरकरार रखने की कवायदों पर जोर दिया है।
बीते चुनाव में बस्तर की 12 में से 8 सीटों पर कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया था। वहीं करीब एक दशक बाद बस्तर में कांग्रेस ने फिर से जनादेश हासिल किया था। हालांकि मैदानी ईलाकों में हार की वजह से ही सरकार नहीं बन पाई थी। इस कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बस्तर को लेकर कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। यही वजह है कि बस्तर के सीमावर्ती क्षेत्रों से लगे ओडिशा के ईलाकों के नेताओं को बस्तर की कमान दी गई है।
इनमें तीन समन्वयकों के साथ करीब 14 पर्यवेक्षकों की तैनाती कर दी गई है। हालांकि इन पर्यवेक्षकों और समन्वयकों के कामकाज की पूरी मानिटरिंग खुद प्रभारी सचिव करेंगे। इधर सूत्रों का दावा है कि बस्तर में संगठनात्मक गतिविधियों की पूरी जिम्मेदारी इन विशेष टीम पर होगी। वहीं विशेष टीम पूरी रिपोर्ट से सीधे आलाकमान को अवगत कराएगी।
राहुल की विशेष टीम में ओडिशा के दिग्गज कांग्रेस नेताओं को शामिल किया गया है। ये सभी नेता बस्तर की भौगोलिक एवं अन्य परिस्थितियों से भी अच्छी तरह वाकिफ हैं। बीते विधानसभा चुनाव से पहले ओडिशा के दिग्गज कांग्रेस नेता एवं छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी सचिव रहे भक्तचरण दास ने कमान संभाली थी। इसके अच्छे नतीजे सामने आए थे। इस बार भी इसी फार्मूले के तहत बड़ी तादाद में नेताओं को भेजा गया है। बस्तर को लेकर निर्णायक समीकरणों पर कांग्रेस की नजरें टिकी हुई है। वहीं कांग्रेस आलाकमान ने भी इसे गंभीरता से लिया है।
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