पटना : बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव से गया में पिछले दिनों हुये सामूहिक दुष्कर्म के मामले में नाबालिग पीड़ति को जबरन मीडिया के समक्ष लाने को मजबूर करने पर उनसे जांच टीम में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं पर कार्रवाई करने की मांग की है। जदयू के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह, प्रवक्ता नीरज कुमार और निखिल मंडल ने यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि प्रतिपक्ष के नेता श्री यादव राजद की जांच टीम में वैसे नेताओं को शामिल किया था जिनपर कई आपराधिक मामले हैं।
नाबालिग पीड़ति को जबरन मीडिया के समक्ष राजद की जांच टीम ने पेश कर उसकी पहचान को उजागर किया। जदयू नेताओं ने कहा कि राजद नेताओं का यह आचरण उनकी पार्टी के चाल, चरित्र और चेहरा को उजागर करता है। इस तरह की घटना न केवल मानवता और राजनीति पर धब्बा है बल्कि उच्चतम न्यायालय के आदेश की भी अवहेलना है। उन्होंने कहा कि पीड़ति राजद नेताओं के समक्ष गिड़गिड़ती रही लेकिन लोगों की मौजूदगी में उसे घटना का सिलसिलेवार बयान देने के लिए मजबूर किया जाता रहा।
नेताओं ने कहा कि राजद के निलंबित विधायक राजवल्लभ यादव पर जो दुष्कर्म का मामला दर्ज हैं उस पीड़ति से उनके पार्टी के नेता कभी भी मिलने नहीं गये। प्रतिपक्ष के नेता के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में दलितों के कई घर जलाये गये और उनसे भी मिलने राजद का कोई नेता आजतक नहीं गया। उन्होंने कहा कि सिर्फ गया की घटना में राजद का प्रतिनिधिमंडल भेजने के कारण को प्रतिपक्ष के नेता को स्पष्ट करना चाहिए।
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