पटना : जनता दल यूनाइटेड के विधान पार्षद प्रो रणबीर नंदन ने गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों के लिए रेलवे किराए में छूट की मांग की है। उन्होंने कहा कि नया फरमान बेटिकट यात्रियों को लेकर है जिसमें 1000 रुपए का फाइन वसूलने की योजना है। अब ये तो सामाजिक समस्या है और इसके प्रति ऐसी आर्थिक दंडनीति लागू करने से पहले पंचायत स्तर तक जागरूकता अभियान चलाना होगा। यह भी समझना होगा कि अमूमन बेटिकट यात्री गरीब ही होते हैं। उनके पास जीने के साधन जुटाना ही मुश्किल है तो टिकट की रकम और बेटिकट पकड़े जाने पर 1000 रुपए का फाइन लगाना सामाजिक तौर पर अन्याय होगा।
प्रो. नंदन ने कहा कि ऐसे फाइन थोप देने से पहले रेल मंत्रालय को जागरूकता पर विशेष ध्यान देना होगा। साथ ही यह भी देखना होगा कि क्या रेलवे यात्रियों को वो सुविधाएं देता है जिसके लिए यात्रियों से हर दिन बड़ी कमाई रेलवे प्रशासन करता है। रेल मंत्रालय को ऐसे फरमान देने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में प्रॉफिट-लॉस की बैलेंस शीट लागू करना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। रेल मंत्रालय इन दिनों ऐसी ही बैलेंस शीट लेकर योजनाएं बना रहा है। टिकट नहीं मिल रही है तो तत्काल कोटा में लीजिए और इसमें भी अधिक उगाही के लिए प्रीमियम तत्काल कोटा शुरू हो गया है। मतलब ये कि टिकट तो मिल जाएगी लेकिन अपनी सीट पर बैठकर जाने के लिए मोटी रकम खर्च करनी होगी।
उन्होंने कहा कि बैलेंस शीट में रेलवे का मुनाफा बढ़ेगा, यह और बात होगी कि यात्रियों के सुविधाओं पर इस बैलेंस शीट में खास पहल दिखती नहीं है। आबादी का 30 प्रतिशत माध्यम वर्ग हैए 50 फीसदी से अधिक निम्न मध्यम वर्ग है और इस पूरी आबादी के लिए ट्रेन ही सफर का माध्यम है। लेकिन रेलवे सारे प्रयोग इस आबादी की दबा कर अपनी तिजोरी भरने का प्रयास करती है जो अन्याय है। फ्लाइट तो इस वर्ग के लोगों से दूर है ही राजधानी जैसी ट्रेनें भी फ्लोटिंग किराया सिस्टम में पहुंच से बाहर हैं। यह फौरन बंद होना चाहिए। प्रो. नंदन ने मांग की है कि गरीबी रेखा के नीचे वालों के लिए छूट देने के साथ रेलवे प्रशासन जनोपयोगी योजनाओं को तबज्जों दी।