जयपुर : राजस्थान में चुरु जिले के मालासर गांव में मुठभेड़ में मारे गये कुख्यात बदमाश आनंद पाल का उसके परिजनों के शव लेने से इंकार कर देने से आज दूसरे दिन भी उसका अंतिम संस्कार नहीं हुआ। मुठभेड़ में मारे जाने के बाद अगले दिन कल उसके परिजनों ने उसका शव लेने से इंकार कर दिया था।
परिजन मुठभेड़ मामले की केन्द्रीय जांच ब्यूरों (सीबीआई) से जांच की मांग कर रहे है। गांव में आनंदपाल के परिजन तथा अन्य कई लोग एकत्रित हो गये जिससे गांव में स्थिति तनावपूर्ण बन गई। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। आनंदपाल का शव अभी चूरू जिले के रतनगढ़ अस्पताल में ही है।
गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि व्यक्ति के मरने के बाद शव को पवित्र माना जाता है और अब संस्कार से इंकार कर उसके साथ अत्याचार करना है। उन्होंने पुलिस की बहादुरी की सहराहना करते हुए कहा कि आनंदपाल को आत्मसमर्पण के लिए कहा गया लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग शुरु कर दी। उल्लेखनीय है कि आनंदपाल गत चौबीस जून की देर रात चूरू जिले के मालासर गांव में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।