राजस्थान में झुंझुनूं के लक्ष्मीनाथ मंदिर ट्रस्ट की जमीन के मामले में 32 साल बाद न्याय मिला है। झुंझुनूं के अपर जिला न्यायाधीश रूपचंद सुथार ने इस मंदिर से जुड़ जमीन के 1994 में तैयार विक्रय पत्र को निरस्त कर दिया।
कोर्ट ने इस मामले में स्थाई निषेधाज्ञा लागू करते हुए प्रतिवादियों को किसी प्रकार की बाधा नहीं करने के निर्देश दिए। शहर के श्री ठाकुरजी लक्ष्मीनाथ मंदिर ट्रस्ट का यह मामला काफी चर्चित रहा था।
मामले के अनुसार ट्रस्ट के एक ट्रस्टी ने मंदिर माफी की जमीन को बेच दिया था। जमीन खरीदने वाले लोगों ने जमीन का कब्जा लेने का प्रयास किया तो स्थानीय लोगों ने इसका काफी विरोध किया। मामले को बिगड़ने से रोकने के लिए जिला प्रशासन को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ था। ट्रस्ट के प्रतिनिधि न्यायालय की शरण में गए थे।
इस पर न्यायाधीश रूपचंद सुथार ने सुनवाई करते हुए हाल ही में 32 साल बाद मूर्ति मंदिर की जमीन की रजिस्ट्री को निरस्त कर दिया।