जयपुर,(कासं) : प्रदेश में जहां आए दिन मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही है, वहीं सरकार के चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ इन घटनाओं पर शर्मनाक बयान देने से बाज नहीं आ रहे। वे पहले भी बेतुके बयान देकर विवाद में आ चुके हैं। मंत्री ने बुधवार को यहां स्वास्थ्य भवन में मीडिया से कहा है कि दुष्कर्म की घटनाएं रोकने के लिए हर घर में पुलिस तैनात नहीं कर सकते। मंत्री का यह बयान दिनभर चर्चा का विषय बना रहा और विपक्ष ने भी इस पर निशाना साधा। प्रदेश कांग्रेस के चीफ सचिन पायलट के आरोपों का जवाब देते हुए चिकित्सा मंत्री ने कहा है कि कांग्रेस कार्यकाल में भी दुष्कर्म की घटनाएं होती थी वर्तमान में पीडि़त बच्चियों को अच्छा उपचार दिया जा रहा है, इसलिए कांग्रेस इस मामले में राजनीति नहीं करें। पुलिस आरोपियों को पकडऩे की कोशिश करती है। प्रदेश में अपराध बढऩे संबंधी पायलट के बयान पर सराफ ने कहा कि यह बात सही है कि प्रदेश में अपराध बढ़े हैं। लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि कांग्रेस सियासत नहीं करें, बल्कि हमें इस समस्या के समाधान के लिए सुझाव दें। सराफ ने यह बात स्वास्थ्य भवन में अधिकारियों की मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कही।
एक साल, पांच मासूमों के साथ दरिंदगी
जयपुर में बीते एक साल के दौरान पांच मासूम बच्चियों के साथ हैवानियत की घटनाएं घट चुकी हैं। पिछले साल 11 जून को राजापार्क, 18 जून को एसएमएस अस्पताल में अपनी मां के साथ सो रही मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ। इस साल 24 मार्च को रामनिवास बाग और हाल ही शनिवार को माणक चौक थाना इलाके में एक ज्वैलर की बच्ची और रविवार को श्यामनगर थाना इलाके में फुटपाथ पर अपने परिवार के साथ सो रही मासूम के साथ ऐसी घटनाएं घटी है।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि संवेदनशील मुद्दे पर तत्कालीन सैनिक कल्याण मंत्री कालीचरण सराफ ने बेतुका बयान दिया था। जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद हुए प्रदेश के निंब सिंह की शहादत पर 20 सितम्बर 2016 को सराफ ने कहा था कि पायलट फ्री है इसलिए शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हुए लेकिन मुख्यमंत्री नहीं गई क्योंकि उनके पास सैंकड़ों काम होते है।
…तो मंत्री जिम्मेदार नहीं
विमंदित बच्चों की मौत के मामले में सराफ ने 3 मई 2016 को भाजपा मुख्यालय में जनसुनवाई के दौरान कहा कि बच्चों की मौत के लिए मंत्री जिम्मेदार नहीं है। इस्तीफा देना कोई परंपरा नहीं है। सराफ ने कहा था कि क्या रेल दुर्घटना होने पर क्या रेल मंत्री इस्तीफा देगा, कहीं अपराध होने पर क्या गृहमंत्री इस्तीफा देगा।
जूते के जोर पर काम
8 जनवरी 2017 को एक कार्यक्रम के दौरान सराफ ने कहा था कि जब वे सत्ता में होते हैं तो कलम से उनके काम होते हैं और जब विपक्ष में होते हैं तो जूतों के जोर पर काम करवाना पड़ता है। हालांकि इसके बाद भूल सुधारते हुए मंत्री ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
मंत्री का बयान दुर्भाग्यपूर्ण
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ के बयान की निंदा करते हुए कहा है कि यह दुर्भाग्य की बात है कि मंत्री पद पर बैठे लोग जनता की वेदना को समझने की बजाय गैर जिम्मेदराना बयान दे रहे हैं। प्रदेश की जनता को सुरक्षित माहौल प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है। पायलट ने कहा कि जनता को उम्मीद रहती है कि ऐसे संवेदनशील मामलों में सरकार प्रशासन उन्हें सांत्वना दे और सुरक्षा को लेकर आश्वस्त करे। उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों ने खुलासा किया है कि महिलाओं पर अत्याचार के मामलो में राजस्थान देश में तीसरे स्थान पर है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि वे बयानबाजी छोड़कर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।