जयपुर : राजस्थान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक ए.के. गोयल ने जैव विविधता के संरक्षण के लिए व्यापक मुहिम चलाने की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि इसमें की जा रही छेड़छाड़ के कारण नित नई असाध्य बीमारियों के रूप में अनेक दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। श्री गोयल ने राजस्थान राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा ”जैव विविधता एवं संवहनीय पर्यटन” विषय पर आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुये कहा कि प्रकृति ने धरती पर प्रत्येक जीव-जन्तु व प्राणी के जीवन के निर्बाध संचालन के लिए एक खाद्य श्रंखला बनाई है।
इस श्रृंखला को भौतिक विकास की दौड़ में बगैर सोचें समझें तोड़ डाला है जिसके दुष्परिणाम बीमारियों के रूप में सामने आ रहे है। उन्होंने बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण का जिक्र करते हुए कहा कि समुद्र में प्रतिवर्ष 8 मिलियन टन के आस-पास प्लास्टिक डाला जा रहा है जिससे पारिस्थितकीय सन्तुलन गड़बड़ा गया है। आने वाले समय में ये समुद्र में पहाड़ का रूप ले लेंगे जिसके अनेक गम्भीर परिणाम सामने आयेंगे। इस अवसर पर उन्होंने जैव विविधता एवं संवहनीय पर्यटन” पर एक पोस्टर का भी विमोचन किया।
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक ए.एस. बराड़ ने कहा कि राजस्थान जैव विविधताओं की दृष्टि से समृद्ध व अनूठा प्रदेश है। इस कारण यहां आने वाले पर्यटक घने जंगलों व दूसरी तरफ मरूस्थल में पाई जैव विविधता को देख रोमांचित हो जाते हैं और यहां उन्हें एक नई दुनिया का अहसास होता है।
उन्होंने जैव विविधता में युवा पीढ़ी की अह्म भूमिका बताते हुए कहा कि अगर समय रहते जैव विविधता संरक्षण नहीं कर पाए तो समूची मानवता के समक्ष स्वास्थ्य संबधी अनेक चुनौतियां खड़ी हो जायेंगी जिनसे निपटना आसान नहीं होगा। राज्य जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कुमार त्यागी ने बोर्ड द्वारा जैव विविधता के संरक्षण हेतु किये जा रहे बहुआयामी प्रयासों के बारे में बताया।
– वार्ता