राजस्थान के पशुपालन मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि राज्य के बाढ़ एवं अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित पशुओं को राहत प्रदान करने के पुख्ता बंदोबस्त किए गये है।
श्री सेनी ने आज यहां बताया कि बाढ़ एवं अतिवृष्टि प्रभावित जालोर, पाली, बाड़मेर और सिराही जिलों में 87 हजार 863 पशुओं का त्वरित रूप से उपचार किया गया है। इसके अतिरिक्त इन क्षेत्रों में 37 हजार 611 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया है।
उन्होंने बताया कि पशु रोग प्रभावित क्षेत्रों हेतु 1 करोड़ 89 लाख रूपये की पशु दवाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। साथ ही राज्य के समस्त जिलों के लिए पांच-पांच लाख रूपये की तत्काल दवा खरीदने की स्वीकृति भी जारी की गई है। इन चार जिलों में 88 पशु चिकित्सकों एवं 154 पैरावेट का जाप्ता तेैनात किया गया है, जो रोगी पशुओं को समुचित चिकित्सा मुहैया करा रहा है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में नोडल अधिकारी भी लगाये गये हैं, जो कि स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि अथवा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अधिकारी व कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध रहेगा। बिना पूर्व सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के अधिकारी,कर्मचारी मुख्यालय नहीं छोडेंगे।
बाढ़ कि स्थिति में पशुओं की अकाल मृत्यु होने पर मृत पशुओं के लिए जिला प्रशासन स्तर से मिलने वाली सहायता राशि के लिए पोस्टमार्टम एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज शीघ्रता से उपलब्ध कराये जाने सम्बन्धी निर्देंश भी जारी किए गये है।