अलवर: वनमंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने शुक्रवार को अलवर में विवादित बयान देते हुए कहा है कि नीलगाय कोई गाय नहीं है, यह सिर्फ एक हिरण प्रजाति का जानवर है। लेकिन देश में लोगों की गाय के प्रति आस्था के चलते इसे मारना नहीं चाहते। वन मंत्री ने यह भी कहा कि जो नील गाय को मारना चाहता है वह लाइसेंस लेकर इसे मार सकता है, यह गैर कानूनी नहीं है। खींवसर शुक्रवार को यहां जिला भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। यह बयान देने के बाद मंत्री वहां से चले गए। खींवसर से जब पूछा गया कि नील गाय की हत्या का कानून सरकार ने रद्द कर दिया या लागू है। इस पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि नील गाय कोई गाय नहीं है, अंग्रेजों ने इसका नाम नील गाय रख दिया, लोग आस्था के कारण इसकी हत्या नहीं करना चाहते।
सरिस्का में आएगा टाइगर जोड़ा: वन मंत्री ने सरिस्का के लिए रणथम्भौर से एक टाइगर का मेल-फीमेल जोड़ा लाए जाने की बात कही। मानव दखल को खत्म करने के लिए यहां बसे ग्रामीणों को सरकार अच्छा पैकेज देने की योजना बना रही है।
(सुनील जैन)