रायपुर: छत्तीसगढ़ में सरकारी योजनाओं की गति बढ़ाने मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कलेक्टरों को कड़े निर्देश दे दिए हैं। वहीं लक्ष्य हासिल करने मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को मियाद भी दे दी है। चुनावी वर्ष में जाने के बाद सीएम ने इसके लिए कलेक्टरों को 300 दिनों की समय सीमा दी है। राजधानी में आयोजित कलेक्टर्स कांफ्रेंंस में मुख्यमंत्री ने कड़े तेवर दिखाते हुए योजनाओं की प्रगति का पूरा ब्यौरा मांगा। सूत्रों की मानें तो कुछ जिलों में योजनाओं की धीमी गति को लेकर मुख्यमंत्री के तेवर यख्त भी नजर आए।
उन्होंने कलेक्टरों से साफ तौर पर कहा कि आम लोगों को योजनाओं का समय पर फायदा नहीं मिला तो इसके लिए खुद कलेक्टर जिम्मेदार होंगे। कलेक्टरों के कामकाज की समीक्षा के दौरान सीएम ने बीते वर्षों में योजनाओं में मिली सफलता के लिए कलेक्टरों के कामकाज को सराहा। वहीं कुछ जिलों में बेहतर उपलब्धि नहीं मिलने पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने साफ तौर पर कहा दिया कि आने वाले आठ माह काफी चुनौती भरे होंगे।
इस अवधि में कार्ययोजना के तहत लक्ष्य हासिल कर लें। क्रिकेट का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि किसी भी मैच में अंतिम 10 ओव्हर काफी निर्णायक और होते हैं। सीएम ने सभी कलेक्टरों को अपने जिलों में विभिन्न विभागों के बीच अधिक समन्वय बनाने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कह दिया कि सभी जिलों में अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग के स्कूली बच्चों को इस वर्ष कक्षा छठवीं से ही जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र जारी करना सुनिश्चित करें।
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले योजनाओं को लेकर भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि समय पर इसे पूरा करने प्राथमिकताएं तय करें। इस दौरान कलेक्टरों ने अपने जिलों से संबंधित प्रेजेंटेशन भी दिया। पीएम आवास योजना में निर्देश दिए कि चयनित हितग्राहियों के मकान गुणवत्तापूर्ण हों और उनका निर्माण समय सीमा में पूर्ण हो।