संसद में आज मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर करने के प्रस्ताव को लेकर खूब हंगामा हुआ।समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को राज्यसभा में ये मुद्दा उठाया और सरकार पर जगहों की पहचान बदलने को लेकर सवाल उठाए। सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने इस मुद्दे पर सदन में कहा कि सरकार सारे पुराने शहरों और जगहों के नाम बदल रही है।
उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा होनी चाहिए। इस बीच सपा के कई सदस्य सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए आसन के समीप आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच ही सपा सदस्यों ने दावा किया कि देश में किसी रेलवे स्टेशन का नाम किसी व्यक्ति के नाम पर नहीं रखा गया है।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इसके पहले मुंबई विक्टोरिया टर्मिनस रेलवे स्टेशन का नाम छत्रपति शिवाजी के नाम पर रखा गया है। नकवी ने जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष को मुगलों के नाम पर नहीं, दयाल जी के नाम पर आपत्ति है। इसके बाद विपक्ष ने सवाल खड़ा किया कि जिसका कोई योगदान नहीं उसके नाम पर जगहों के नाम क्यों रखे जा रहे हैं?
दरअसल, यूपी सरकार ने इसी साल जून में स्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी। जुलाई में गृह मंत्रालय को यूपी सरकार से एनओसी मिल गई थी। सरकारी नियमों के मुताबिक, किसी स्टेशन, गांव, शहर का नाम बदलने के लिए राज्य सरकार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनओसी लेने की जरुरत होती है।
आपको बता दें कि मुगलसराय का नाम बदलने के प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी हरी झंडी दे चुके हैं। योगी सरकार के इस फैसले को गृह मंत्रालय ने भी अपनी हरी झंडी दे दी है। अब रेल मंत्रालय को इस पर फैसला करना है।