लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) ने उन्नाव कांड की निंदा करते हुए आज कहा कि राज्यपाल को इसका स्वतः संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करनी चाहिये। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यहां जारी एक बयान में उन्नाव की घटना की निंदा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जनता भय और अराजकता के वातावरण में जीवन जीने को मजबूर है। आमजन खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्नाव मामले में सरकार के ढुलमुल रवैये पर उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद स्पष्ट हो गया है कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश में धारा 356 लागू किये जाने की आवश्यकता है। राज्यपाल को घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन की संस्तुति करनी चाहिए।’’ अखिलेश ने प्रदेश सरकार से पीड़ित परिवार को 50 लाख रूपये की मदद के साथ पीड़िता को सरकारी नौकरी, आवास, सरकारी सुविधा एवं सुरक्षा प्रदान करने की मांग की।
इसके पूर्व, सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरण मय नंदा ने भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। नंदा ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘यह (योगी) सरकार एक दिन भी नहीं रहनी चाहिए। अनुच्छेद 356 लागू होना चाहिए और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि पूरे देश ने देखा कि पीड़िता के पिता को बर्बरता से पीटा गया। पुलिस कैसे कह रही है कि कोई सबूत नहीं है। ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गयी है। महिलाओं के प्रति अपराध बढ़े हैं और शासन प्रशासन इसे रोकने में नाकाम रहा है।
इस बीच सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा अर्थहीन हो गया है। अगर किसी विधायक, सांसद या सरकारी अधिकारी के खिलाफ किसी पीड़ित महिला ने संगीन आरोप लगाया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई ठीक उसी तरह से होनी चाहिए, जैसे आम आदमी के मामले में होती है।
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