पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि राज्य में रिसोर्सेज (संसाधन) की कमी है लेकिन रिफॉर्म (सुधार के काम) जारी है और इसी की बदौलत राज्य विकास की नई ऊॅचाइयों को छुएगा श्री कुमार और केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर.के. सिंह की मौजूदगी में बिहार विकास मिशन के सभाकक्ष में राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) और बिहार सरकार के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) का हस्तांतरण होने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उन्हें व्यक्तिगत तौर पर प्रसन्नता हो रही है। उनकी सरकार ने सड़क और ऊर्जा के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य किये हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में रिसोर्सेज की कमी है लेकिन रिफॉर्म जारी है और इसी की बदौलत बिहार विकास की नई ऊॅचाइयों को छुएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विकास के हर क्षेत्र में काम किया जा रहा है। पहले सड़क के क्षेत्र में राज्य में बेहतर कार्य किया गया, लोगों को आवागमन में काफी सुविधा हो रही है। कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि हर गांव, हर घर तक लोगों को बिजली उपलब्ध करा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बेहतर यातायात और विद्युत की व्यवस्था होने से आज राज्य की तस्वीर बदल गई है और विकास को गति मिल रही है।
श्री कुमार ने कहा कि एनटीपीसी के साथ जो समझौता हुआ है वह राज्य के हित में लिया गया निर्णय है। वैसे राज्य की पूरी संपत्ति राष्ट्र की संपत्ति है, इसका बेहतर उपयोग होने से पूरे देश को फायदा होता है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने पहले ही बिजली बोर्ड को पांच भागों में विभाजित कर कंपनी के रुप में निर्मित किया। बिजली बोर्ड में काम करने वाले किसी भी कर्मचारी की सेवा शर्त में कोई परिवर्तन नहीं किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की दर को ठीक करने के लिए सरकार द्वारा बिजली नियामक आयोग के समक्ष जीरो सब्सिडी का प्रस्ताव रखा गया और जब रेट तय हुआ तब राज्य सरकार द्वारा अपने खजाने से उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जा रही है।
बिजली बिल में वास्तविक बिजली की दर और राज्य सरकार द्वारा दी गई सब्सिडी उस पर अंकित रहेगा, जिससे लोगों को पता चलेगा कि सरकार उपभोक्ताओं को कितनी सहायता राशि दे रही है। लोग इसे नैतिक जिम्मेदारी समझकर बिना वजह के बिजली की खपत नहीं करेंगे। श्री कुमार ने कहा कि सरकार सब्सिडी उपभोक्ताओं को और वितरण कंपनियों को देती है। वितरण कंपनियों के घाटे को कम करने के लिए सब्सिडी दी जाती है।उन्होंने कहा कि नवीनगर प्लांट को शुरु करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़। उनकी व्यक्तिगत पहल के बाद जमीन अधिग्रहण संबंधी समस्या का समाधान हुआ और किसानों को उचित मूल्य दिया गया।
उन्होंने कहा कि जब वह केंद, में मंत्री थे तब बाढ़ में एनटीपीसी के सहयोग से 660 मेगावाट की तीन इकाई और 660 मेगावाट की दो इकाई शुरु की गई। पहले के मुकाबले बिहार में बिजली उत्पादन काफी हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की उपलब्धता बढ़ है। हर क्षेत्र में काम किया जा रहा है, चाहे जेनेरेशन हो, ट्रांसमिशन हो, सब ट्रांसमिशन हो या डिस्ट्रीब्यूशन हो। हाल ही में रेहल गांव में ऑफ ग्रिड विद्युत आपूर्ति देखने का अवसर मिला। वहां पर सौर विद्युत के माध्यम से विद्युत आपूर्ति की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सोलर पावर और विंड पावर के क्षेत्र में भी काम करने की जरुरत है।श्री कुमार ने कहा कि बरौनी, नवीनगर एवं कांटी विद्युत उत्पादन इकाई का एनटीपीसी को स्वामित्व हस्तांतरण से बिजली की दर कमेगी। राज्य की जनता सस्ती बिजली दरों से लाभान्वित होगी। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि पूरे देश में एक बिजली दर हो।
उनकी इच्छा है कि राज्य में जल्द से जल्द एग्रीकल्चर फीडर लग जाए ताकि किसानों को कम से कम 8 घंटे बिजली आसानी से मिल सके। इस अवसर पर केन्द्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर.के.सिंह ने कहा कि यह मुख्यमंत्री के दूरदर्शी शासन को दर्शाता है। एनटीपीसी के साथ करार बुद्धिमतापूर्ण निर्णय है, इससे राज्य को काफी फायदा होगा।
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