जम्मू & कश्मीर में आतंक के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे भारतीय सेना के जवानों को अब ऐसी मशीन मिलने वाली है जिससे उनकी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। आपको बता दे कि जल्द ही जम्मू & कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सेना देश में निर्मित रोबोट्स का इस्तेमाल करेगी। ये रोबोट्स युद्ध और हमले की स्थिति में संवेदनशील जगहों पर सेना को हथियार और गोला बारुद पहुंचाएंगे। फायरिंग रेंज होने की वजह से ऐसे स्थानों में सेना के जवानों को जान का खतरा होता है, लेकिन रिमोट संचालित ये रोबोट ऐसे हालत में आसानी से सेना की मदद कर सकेंगे। खास बात ये है कि ऐसे रोबोट्स देश में भी बनाए जा रहे हैं। आर्मी द्वारा ऐसे 544 रोबोट्स की जरूरत संबंधी प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।
सेना के अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय को 544 रोबोटों की आवश्यकता के लिए प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है। इसके तरह इस तरह के मशीनों के स्वदेशी विकास के लिए रास्ता तैयार हो गया है।
रोबोटिक सिक्योरिटी और सर्विलांस को अपनाने के लिए सेना के प्रस्ताव में जोर देते हुए कहा गया है कि आतंकवाद जंगलों और ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक फैला हुआ है। ऐसे में फोर्स में इन सिस्टम्स को शामिल करने की आवश्यकता है।
प्रतिदिन के कामों को करने में शामिल राष्ट्रीय रायफल्स एलीट काउंटर टेरेरिज्म फोर्स है। जिसे 90 के दशक में तैयार किया गया था। सेना नोट के मुताबिक, राष्ट्रीय रायफल्स के द्वारा रियल टाइम इनपुट को हासिल करने के लिए रोबोटिक सर्विलांस प्लेटफॉर्म्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
हथियार और गोला-बारूद की डिलिवरी करने के साथ ही ये रोबोट्स सर्विलांस भी करेंगे। इसके अलावा वे आतंकियों की पल-पल की गतिविधियों पर भी नजर रखेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक ये रोबोट्स आतंकियों की खुफिया सूचना जुटाने के साथ ही 200 मीटर की रेंज से उसका ट्रांसमिशन करने में सक्षम होंगे।
वजन में हल्के और मजबूत होने की मजह से ये रोबोट्स कई तरीकों से सेना की मदद करने में भी सक्षम होंगे। पिछले 8 महीनों से CAIR और DRDO की लैब इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।