गृहमंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी नहीं है और ना ही उन्होंने शरण ली है। वे अवैध प्रवासी हैं। उन्होंने कहा कि जब म्यांमार रोहिंग्या समुदाय के लोगों को वापस लेने के लिए तैयार है तो कुछ लोग उनके निवार्सन पर आपत्ति क्यों जता रहे हैं। राजनाथ ने कहा कि लोगों को समझना चाहिए कि रोहिंग्या के अवैध प्रवास का एक पहलू राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है।
India won’t be violating any international law by deporting #Rohingyas from India, as it isn’t a signatory to 1951 UN Refugee Convention: HM pic.twitter.com/diVMprFndj
— ANI (@ANI) September 21, 2017
उन्होंने कहा कि शरणार्थी का दर्जा प्राप्त करने की एक प्रकिया होती है और इनमें से किसी ने भी इस प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है। दिल्ली में NHRC के कार्यक्रम में गृहमंत्री ने बोला कि रोहिंग्या समुदाय के लोगों से भारत की सुरक्षा को खतरा है। राजनाथ ने कहा कि मानवाधिकार का हवाला देकर अवैध प्रवासियों को शरणार्थी बताने की गलती नहीं की जानी चाहिए। म्यांमार से भारत में घुस आए ये रोहिंग्या शरणार्थी नहीं है इस सच्चाई को हमें समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि रोहिंग्या को डिपोट करके भारत अंतरराष्ट्रीय कानून का भी उल्लंघन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत 1951 संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी कनवेंशन का हिस्सा नहीं है।
India won’t be violating any international law by deporting #Rohingyas from India, as it isn’t a signatory to 1951 UN Refugee Convention: HM pic.twitter.com/diVMprFndj
— ANI (@ANI) September 21, 2017
गृहमंत्री ने कहा कि शरणार्थी का दर्जा प्राप्त करने के लिए एक प्रक्रिया होती है और इनमें से किसी ने भी इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य भारत के नागरिकों के मानवाधिकार और हितों की रक्षा करना भी है। वहीं रोहिंग्या अवैध तरीके से भारत में रह रहे हैं। इस संबंध में हमने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल भी किया है।