नई दिल्ली : राफेल डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर पूरा विपक्ष मोदी सरकार को घेरने में जुटा हुआ है। वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा है कि राफेल डील पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीयत पर कोई शक नहीं है। देश के पूर्व रक्षा मंत्री रहे शरद पवार ने न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में राफेल डील की जानकारी को लेकर कांग्रेस की मांग पर सवाल उठाए।
पवार ने कहा कि कांग्रेस की मांगों का कोई औचित्य नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि फाइटर प्लेन की कीमतों का खुलासा करने से सरकार को कोई खतरा नहीं होता। उन्होंने कहा ‘निजी तौर पर मुझे लगता है कि लोगों को पीएम मोदी के इरादों पर कोई शंका नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिस तरह से मामले को लेकर सरकार के पक्ष को रखा, उससे लोगों के मन में दुविधा की स्थिति पैदा हुई है। जबकि, अब वित्त मंत्री अरुण जेटली रक्षा मंत्री की जगह इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रख रहे हैं।
गौरतलब है कि भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल जहाज खरीदने का समझौता साल 2016 में हुआ था। उस वक्त मैक्रों नहीं बल्कि फ्रांस्वा ओलांद सत्तासीन थे। ओलांद ने कुछ दिन पहले फ्रांस मीडिया को दिए एक बयान में ये कहकर भारत सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी थीं कि इस राफेल डील के ऑफसेट पार्टनर के रूप में उन्होंने रिलायंस को नहीं चुना बल्कि भारत सरकार की ओर से नाम आगे बढ़ाया गया। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि रिलायंस और दासौ के बीच के समझौते पर दासौ ही कुछ बता सकती है।