जेडीयू के बागी नेता शरद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। शरद को केंद्रीय निर्वाचन आयोग से जबरदस्त झटका लगा है। चुनाव आयोग ने जेडीयू पर शरद के जेडीयू पर दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। बता दें कि शरद यादव ने 25 अगस्त को चुनाव आयोग के सामने पार्टी और चुनाव चिन्ह पर अपना दावा जताया था।
शरद यादव ने कहा कि यह एक संघर्ष और जंग है जिसे मैं जीतूंगा। एएनआई से बात करते हुए बागी जदयू नेता ने कहा कि बुधवार को वे प्रेस कांफ्रेंस में यह मामला उठायेंगे।
उन्होंने बताया कि यह एक तरह का संघर्ष और लड़ाई है। हम इसका सामना करने के लिए तैयार हैं। मैं आज नहीं बोल रहा क्योंकि अभी हर किसी को केवल सुन रहा हूं। मैं बुधवार को दोपहर 12 बजे प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करुंगा और अपनी भविष्य की योजनाएं रखूंगा। चुनाव आयोग ने मंगलवार को सबूतों के अभाव में शरद यादव के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें जद यू का पार्टी सिंबल उन्हें देने के लिए आवेदन दिया गया था।
शरद यादव द्वारा दायर की गयी याचिका के विरोध में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली पार्टी जदयू भी चुनाव आयोग के पास अपनी याचिका लेकर पहुंची। जदयू ने यह भी कहा है कि शरद यादव ने अपनी मर्जी से पार्टी का साथ छोड़ा है व पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं। इसके विरोध में याचिका दायर करने वाले प्रतिनिधिमंडल में आरसीपी सिंह, संजय झा, ललन सिंह व केसी त्यागी हैं।
आपको बता दे कि बिहार में महागठबंधन टूटने से नाराज चल रहे शरद यादव ने पटना के गांधी मैदान में 27 अगस्त को जदयू के विरोध के बावजूद राजद की रैली में शिरकत की थी। जिसके बाद पार्टी ने भाजपा सांसद जयनारायण निषाद की सदस्यता समाप्त करने का हवाला देकर शरद यादव और अली अनवर की सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी। 5 सितंबर को राज्यसभा में पार्टी के नेता आरसीपी सिंह और महासचिव संजय झा ने राज्यसभा के सभापित से मिल कर शरद यादव और अली अनवर के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का दस्तावेज सौंपा था. गौरतलब है कि शरद यादव के बागी तेवर को देखते हुए जदयू पहले ही उन्हें राज्यसभा में नेता के पद से हटा चुकी है।