दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को वह याचिका खारिज कर दी जिसमें मांग की गयी थी कि सुनंदा पुष्कर मामले में शशि थरूर को सुनवाई अदालत से मिली अग्रिम जमानत रद्द की जाए। न्यायमूर्ति आर के गौबा की पीठ ने वकील दीपक आनंद द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका में इस बात पर आपत्ति जतायी गयी थी कि अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में कांग्रेस सांसद ने अग्रिम जमानत के लिए मजिस्ट्रेट अदालत से संपर्क करने के बदले सीधे सत्र अदालत से संपर्क किया। दिल्ली पुलिस ने 25 सितंबर को आंशिक रूप से याचिका का समर्थन किया था।
दिल्ली पुलिस के वकील राहुल मेहरा ने उच्च न्यायालय से कहा था कि जमानत मांगने के लिए थरूर को पहले मजिस्ट्रेट अदालत में जाना चाहिए था। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में स्थिति रिपोर्ट भी दायर की थी। सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात को दिल्ली के एक लक्जरी होटल में मृत मिली थीं। उस समय शशि थरूर के सरकारी बंगले का जीर्णोद्धार किया जा रहा था। इसलिए वे होटल में रह रहे थे।