शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने की आज लोकसभा में पुरजोर मांग की।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सहयोगी शिवसेना के आनंदराव अडसुल ने वस्तु एवं सेवा कर (जम्मू कश्मीर में विस्तार) विधेयक 2017 पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि चुनाव आने पर अनुच्छेद 370 हटाने की बात प्रचार अभियान में की जाती रही है। बहुत प्रयासों के बाद अब जम्मू कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी सरकार में सहयोगी है तथा केंद्र में भी उसकी बहुमत की सरकार है। अब देर किस बात की है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में वस्तु एवं सेवा कर इसी अनुच्छेद के कारण लागू नहीं हो सका यदि अनुच्छेद 370 मुसीबत है तो पहले इसे हटना चाहिए। इसके साथ ही सर्जिकल स्ट्राइक लगातार की जानी चाहिये।
उन्होंने कहा कि केंद्र लाखों करोडों रूपये खर्च करके जम्मू कश्मीर में ढांचागत सुविधाएं विकसित कर रहा है। लेकिन पाकिस्तान और चीन दोनों मिलकर भारत के लिए परेशानी खडी कर रहे हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद आतंकवादी शिविरों से आकर आतंकवादी हमारे जवान और नागरिकों पर हमले करते रहते हैं। चीन आये दिन हमें धमकी दे रहा है। शिवसेना सांसद ने सर्जिकल स्ट्राइक और लश्करे तैयबा के आतंकवादी को ढेर किये जाने को गर्व की बात करार दिया लेकिन उनका यह भी कहना था कि सिर्फ एक सर्जिकल स्ट्राइक पर्याप्त नहीं है। इस तरह की कार्रवाई अक्सर होनी चाहिए।
सदन में मौजूद श्री अरुण जेटली की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा,इस समय आपके पास वित्त और रक्षा दोनों मंत्रालय है। आप किसी की परवाह मत कीजिए और अनुच्छेद 370 को हटाने की कार्रवाई शुरू कीजिए। श्री जेटली ने मेज थपथपाकर श्री अडसूल के भाषण का स्वागत किया।
लद्दाख से भाजपा सांसद थुपस्तान छवांग ने श्री अडसुल की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर की बहुसंख्यक जनता की भावना को ध्यान में रखते हुए अनुच्छेद 370 हटना चाहिए । उन्होंने कहा कि आबादी और भूक्षेत्र के हिसाब से जम्मू और लद्दाख कश्मीर घाटी से कहीं ज्यादा बडे हैं । इसलिए जम्मू कश्मीर की जब भी बात करनी हो तो पूरे राज्य के लोगों की बात करनी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस जैसी पार्टियां राजनीतिक फायदे और वोट बैंक की खातिर जम्मू कश्मीर में जीएसटी का विरोध कर रही हैं । उन्होंने कहा कि जब यह विधेयक राज्य विधानसभा में पारित हो रहा था तो विपक्ष दल उस समय सदन में इसलिए मौजूद नहीं थीं क्योंकि वे भी चाहते थे कि यह विधयेक पारित हो जाय ।
बाद में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने चुटकी लेते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 भाजपा का चुनावी जुमला था और सत्ता में आने के बाद वह इसे भूल गयी।