लखनऊ : अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा ध्वस्त करने के विवादित मामले में शिवसेना नेता सतीश प्रधान ने आज केन्द्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है। शिवसेना नेता सतीश प्रधान के अलावा कोर्ट में पेश होने वालों में पूर्व विधायक पवन पाण्डेय और संतोष दुबे भी शामिल थे।
शिवसेना नेता के खिलाफ कोर्ट में आरोप फ्रेम होना था, लेकिन किन्हीं कारणों से इस पर आज बहस नहीं हो सकी जबकि श्री पाण्डेय और श्री दुबे के खिलाफ आरोप पहले से ही फ्रेम है। शिवसेना नेता ने कोर्ट में पेश होने के बाद कहा कि वह निर्दोष हैं। उन्हें गलत ढंग से आरोपी बनाया जा रहा है। कोर्ट ने तीनों को 20000 / – रुपए के निजी मुचलके पर छोड दिया।
श्री दुबे ने कोर्ट से बाहर बताया कि भगवान श्री राम और उनका मंदिर करोडो लोगों की आस्था से जुडा सवाल है। वह चाहते है कि बिना खूनखराबे के बगैर भगवान श्री राम मंदिर का निर्माण हो। उन्होंने ये भी बताया कि विवादित ढांचा ध्वस्त करने में वह थे या नहीं इसका जवाब कोर्ट में दिया जायेगा।
CBI को जो करना है वह कर रही है, लेकिन देश की न्यायपालिका पर उनका पूरा भरोसा है। उन्होंने खुलकर यह नहीं कहा कि 6 दिसंबर 1992 को वह ढांचा ध्वस्त होने के समय वहां मौजूद थे या नहीं।