राजीव गांधी की 74वीं जयंती पर आयोजित ‘राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार’ समारोह के मौके पर सोनिया गांधी ने कहा, ‘विभाजन, नफरत और कट्टरता’ फैलाने वाली ताकतों से सभी को मिलकर लड़ना है। सोनिया गांधी ने इस मौके पर भारतीय राजनीति और देश के विकास में राजीव गांधी के योगदान को याद किया और कहा कि देश में तकनीक को आगे बढ़ाने से लेकर लोकतंत्र को मजबूत करने में राजीव गांधी ने अहम भूमिका अदा की।
समाजसेवी गोपाल कृष्ण गांधी को इस साल का राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित करने के बाद सोनिया ने गोपाल कृष्ण गांधी के अनुभव और कार्यों की तारीफ कर भविष्य में इस लड़ाई को और मजबूती से लड़ने पर विश्वास जताया। सोनिया गांधी ने कहा कि पंचायत और नगर पालिकाओं में महिलाओं को आरक्षण देकर राजीव गांधी ने संविधानिक मूल्यों को मजबूत देने के काम किया। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने पीने के पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं और अशिक्षा जैसी चुनौतियों का भी डटकर सामना किया।
सोनिया ने कहा कि राजीव गांधी का मानना था कि भारत की विविधता से ही देश की एकता को पहचान और मजबूती मिल सकती है। सोनिया गांधी ने कहा कि राजीव गांधी हमेशा से सद्भवाना के पक्षधर थे। उन्होंने कहा कि देश को तकनीक रूप से मजबूती देने, अर्थव्यवस्था को आगे लाने के साथ-साथ राजीव गांधी बहुलता और सामाजिक उदारता को आगे बढ़ाने में भी विश्वास रखते थे। उन्होंने कहा, ‘हमने देखा है कि अर्थव्यवस्था को उदार बनाना और मानसिकता को संकीर्ण करना खतरनाक और विध्वंसक मिश्रण है।’
सोनिया ने कहा कि हम सामूहिक रूप से संकल्प लेते हैं कि हम विभाजन, नफरत और कट्टरता फैलाने वाली ताकतों से मिलकर लड़ेंगे। सोनिया ने गोपाल कृष्ण गांधी की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘वह विशिष्ठ लोक सेवक, प्रशासक, राजनयिक और राज्यपाल रहे हैं। वह हमारे संविधान में दिए मूल्यों के धुर पैरोकार हैं।’