रायपुर : शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन में मंत्री रामसेवक पैकरा को विधानसभा अध्यक्ष गौरी शंकर अग्रवाल ने कड़ी फटकार सुनाई। विधानसभा अध्यक्ष ने साफ तौर पर कहा कि इस तरह के जवाब देकर अपनी जवाबदेही से मंत्री नहीं बच सकते। दरअसल बसपा विधायक केशव चंद्रा ने कोरबा जिले के विकासखंड पाली अंतर्गत चैतुरगढ़ में स्वीकृत नलजल योजना में अनियमितता का मामला उठाया ।
मंत्री रामसेवक पैकरा ने इस बात के जवाब में स्वीकार किया कि अनियमितता पायी गयी है कलेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिये गये हैं। जवाब में पुरक सवाल करते हुए सदस्य केशव चंद्रा ने कहा कि जब अनियमितता की शिकायत सही पायी गयी है तो फिर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है, क्यों नहीं उन्हें सस्पेंड कर कार्रवाई की जा रही है। जवाब में मंत्री रामसेवक पैकरा ने गोलमोल जवाब देना शुरू कर दिया।
सदस्य केशव चंद्रा ने इसे लेकर आपत्ति जतायी तो विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री रामसेवक पैकरा को पहले तो सीधे-सीधे जवाब देने की हिदायत दी। दो बार की हिदायत के बाद भी मंत्री अपने जवाब से विधायक केशव चंद्रा को संतुष्ट नहीं कर पाये, तो फिर विधानसभा अध्यक्ष ने रामसेवक पैकरा को कड़ी फटकार लगायी और सीधे तौर पर आंसदी से दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई का करने का निर्देश जारी कर दिया।
आसंदी के निर्देश के बाद भी विधानसभा अध्यक्ष के सामने रामसेवक पैकरा अपनी दलील देते रहे, जिस पर अध्यक्ष ने कहा कि मैं पहली बार इस तरह का निर्देश दे रहा हूं और उसके बाद भी आप जवाब देकर घूमा रहे हैं। ये सही बात नहीं है। अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह का जवाब मिलेगा तो सदन चलाने में बहुत दिक्कत होगी। विधानसभा अध्यक्ष ने आसंदी से इस बात का निर्देश दिया कि अधिकारियों को निलंबित कर जांच करवायें।
हालांकि आसंदी के निर्देश के बाद भी रामसेवक पैकरा बार-बार यही कहते रहे कि जांच चल रही है जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने तीखा एतराज जताते हुए कहा कि मैं पहली बार इस तरह का निर्देश दे रहा हूं तो भी आप गोलमोल जवाब दे रहे हैं। गतिरोध देखकर संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने अपने सीट से खड़े होकर कहा कि आपके आदेश का पालन किया जायेगा। उसके बाद विपक्ष ने मेज थपथपाकर इसका स्वागत किया।
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