दुमका : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि राज्य के अति पिछड़े जिले के रूप में चिन्हित साहेबगंज और पाकुड़ जिले के विकास के लिए अगले वित्तीय वर्ष के बजट में विशेष राशि का प्रावधान किया जायेगा। श्री दास ने यहां भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के तत्वावधान में हम चलें गांव की ओर कार्यक्रम के समापन अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुये कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी झारखंड का साहेबगंज और पाकुड़ अति पिछड़े जिले के रूप में चिन्हित है। शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में यहां के आदिवासी एवं दलित समाज के लोग जीवन गुजराने को विवश है।
उन्होंने कहा कि लंबे अर्से तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करनेवाले दलों ने आदिवासी और दलितों के विकास और कल्याण के नाम पर केवल लोगों का शोषण करते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास उनकी सरकार का मूल मंत्र है इसलिए अगले वर्ष फरवरी महीने से वह स्वयं संतालपरगना के साहेबगंज और पाकुड़ सहित सभी छह जिलों का दौरा कर उन्हें विकास योजनाओं से जोड़ने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आदिम जनजाति और आदिवासी समाज का तेजी से विकास कर मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से वित्त वर्ष 2017-18 के बजट 43 हजार 20 करोड़ में से करीब 18 हजार 26 करोड़ रुपये का प्रावधान किया, जो पूरे बजट का 51 प्रतिशत से अधिक था। श्री दास ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपनों के अनुरूप राज्य के सभी घरों में दोनों शाम चूल्हा जले और कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहे इस नीति को कार्यान्वित करने के लिए उनकी सरकार कार्य कर रही है।
उन्होंने राज्य सरकार द्वारा संतालपरगना सहित पूरे राज्य में गरीबी उन्मूलन के लिए कार्यान्वित मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना,जोहार योजना, पेयजल, आवास, शिक्षा और रोजगार जैसी योजनाओं की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने वर्ष 2018 तक राज्य के सभी गांवों और पहाड़ में बिजली पहुंचाने, 2020 तक सभी गांवों में पाइपलाइन से शुद्ध पेयजल और सभी गृहविहीन गरीब आदिवासी और दलितों को आवास मुहैया कराने का संकल्प लिया है और इस दिशा में तेजी से कार्य प्रारम्भ कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार की तलाश में आदिवासी समाज के बच्चे-बच्चियों का पलायन रोकने के लिए राज्य सरकार ने कौशल विकास कार्यक्रम का शुभारम्भ किया है ताकि यहां के बच्चों को उनके इलाके में ही रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि देश की आधी आबादी महिलाओं के विकास के बिना किसी भी समाज अथवा राज्य का अपेक्षित विकास सम्भव नहीं है। इसलिए उनकी सरकार ने आधी आबादी को उनका हक और अधिकार दिलाने तथा उनके आय के ह्मोत में वृद्धि लाने के उद्धेश्य से श्वेतक्रांति और मीठा क्रांति शुरू करने के साथ ही छोटे-छोटे उद्योगों के माध्यम से रोजगार सृजन का कार्य प्रारम्भ किया गया है।
श्री दास ने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2022 तक पूर्ण हरित क्रांति लाकर किसानों की आय दुगुनी करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने आदिवासियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए समाज के सभी वर्ग के लोगों से शिक्षा का तेजी से प्रसार करने की अपील करते हुए कहा कि अशिक्षा के कारण अभी भी लोग अंधविश्वास में पड़कर निर्दोष महिलाओं को प्रताड़ित करते हैं। डायन-बिसाही के नाम पर कई निर्दोष महिलाओं की हत्या कर दी जाती है। उन्होंने कहा झारखंड में सामर्थ्य के साथ ही संभावनाएं भी हैं लेकिन अलग राज्य बनने के बाद संतालपरगना ने झारखंड को तीन-तीन मुख्यमंत्री दिये इसके बावजूद यह इलाका अभी तक पिछड़ा हुआ है। लोगों को इस पिछड़ेपन का कारण ढुंढने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र को अभी तक मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखने और उपेक्षित रखनेवाले दलों से सचेत रहने की अपील की। इस मौके पर झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद लक्ष्मण गिलुआ, भाजपा अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विधायक रामकुमार पाहन के साथ राज्य के मंत्री नीलसिंह मुंडा, डॉ. लुईस मरांडी, रणधीर सिंह, राज पलिवाल सहित कई प्रमुख नेताओं ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा कार्यान्वित विकास योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री गिलुआ ने कहा कि भाजपा ने वर्ष 2000 में अलग राज्य का गठन कर दिया है। झारखंड अब मुक्त हो चुका है।
इसलिए इस राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा(झामुमो) की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने झामुमो और कांग्रेस पर विकास के मामले में संतालपरगना की उपेक्षा करने और छलावा करने का आरोप लगाते हुये पार्टी कार्यकर्ताओं से इन दोनों पाटिर्यों को इस क्षेत्र से खदेड़ने का आह्वान किया।
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