सरोद वादक पंडित बुद्धदेव दासगुप्ता का आज दक्षिण कोलकाता में उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 84 साल के थे। पदम भूषण से सम्मानित दासगुप्ता बीते कई दिनों से सांस संबंधी दिक्कतों से जूझ रहे थे। उनके परिवार के एक सदस्य ने यह जानकारी दी। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि दासगुप्ता के निधन ने शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में शून्य पैदा कर दिया है।
ममता ने ट्वीट किया, ‘‘मैं उनके परिवार और शिष्यों के प्रति भावपूर्ण संवेदना प्रकट करती हूं।’’ वर्ष 1933 में बिहार के भागलपुर में अपने मामा के घर जन्मे दासगुप्ता ने पंडित राधिकामोहन मोइत्रा से सरोद वादन सीखा। उनके पिता प्रफुल्ल मोहन दासगुप्ता जिला मजिस्ट्रेट और संगीत प्रेमी थे। उन्हें 2015 में संगीत महासम्मान और बंगालविभूषण से सम्मानित किया गया।
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