कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य को बीज के मामले में आत्मनिर्भर बनाने हेतु कई स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य में प्रमाणित बीज उत्पादन के लिए बिहार राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी (बसोका), पटना के माध्यम से राज्य में बीज की आवश्यकता के अनुरूप बीज प्रमाणन की क्षमता बढ़ाये जाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। बिहार राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी द्वारा इस वर्ष 2017-18 में प्रमाणित बीज उत्पादन के 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र के निबंधन का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं।
इससे लगभग 5 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का उत्पादन होगा। खरीफ फसलों के लिए 10 हजार हेक्टेयर निबंधन रकबा निर्धारित किया गया था, जो शत्-प्रतिशत पूरा हो चुका है। इसी प्रकार इस वर्ष रबी फसलों के प्रमाणित बीज उत्पादन के लिए बीज प्रमाणन के लिए 25 हजार हेक्टेयर के निबंधन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिनमें अभीतक 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का निबंधन हो चुका है।
शेष क्षेत्र के लिए निबंधन का कार्य जारी है, जिसके शत्-प्रतिशत प्राप्ति होने की पूरी संभावना है। कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान में बिहार राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी (बसोका) में मात्र एक ही बीज जांच प्रयोगशाला है, जो मीठापुर, पटना में स्थित है। राज्य में प्रमाणिकरण कार्य के लिए एक ही बीज जांच प्रयोगशाला होने के कारण इस पर कार्य का काफी दबाव रहता है।
इसलिए इस वर्ष राज्य के रोहतास जिला अंतर्गत कुदरा में एक नया बीज जांच प्रयोगशाला का स्थापित करने का प्रस्ताव है, जिसके लिए कार्रवाई चल रही है। कुदरा में नये बीज जांच प्रयोगशाला की स्थापना हो जाने पर और अधिक बीज नमूने को विश्लेषित किया जा सकेगा। बिहार राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी, पटना द्वारा इस वर्ष अब तक कुल 5,136 बीज नमूने विश्लेषित किये जा चुके हैं।
डा. कुमार ने कहा कि राज्य में रबी मौसम में दलहनी फसलों के लिए बीज प्रमाणन हेतु क्षेत्र के निबंधन का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसका अगले महीने से निरीक्षण का कार्य प्रारम्भ किया जायेगा। परन्तु गेहॅू की बुआई अभी चल रही है। गेहूूॅ के बुआई के साथ-साथ क्षेत्र में निबंधन का भी कार्य चल रहा है। उम्मीद है कि इस वर्ष रबी फसलों के निर्धारित 25 हजार हेक्टेयर रकबा के निबंधन का कार्य पूरा हो जायेगा। इससे राज्य में बीज की आवश्यकता को पूर्ण करने में काफी सहायता मिलेगी।
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