पंबा/निलक्कल (केरल) : सबरीमाला मंदिर जाने की योजना बनाने वाले और पंबा तथा निलक्कल में मंगलवार को प्रदर्शन करने वाले विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ निषेधाज्ञा उल्लंघन करने के मामले दर्ज किये गये हैं।
यूडीएफ नेताओं ने बाद में मंदिर जाने की योजना छोड़ते हुए कहा कि वे तीर्थयात्रियों को परेशान नहीं करना चाहते। राज्य सरकार ने सबरीमला और आसपास के इलाकों में धारा 144 लगा रखी है ताकि मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के सरकार के निर्णय पर श्रद्धालु प्रदर्शन नहीं कर सकें।
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प्रतिनिधिमंडल में शामिल राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला, पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, आईयूएमएल नेता एम के मुनीर और आरएसपी सांसद एन के प्रेमचंद्रन के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने निषेधाज्ञा वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन करने लगे।
यूडीएफ कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और ‘स्वामीय शरणम अयप्पा’ का मंत्रोच्चार किया। पंबा पुलिस ने कहा कि 100 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जिनमें नेता भी शामिल हैं।
यूडीएफ प्रतिनिधिमंडल ने पहले कहा था कि वे मंदिर परिसर ‘सन्निधानम’ जाएंगे लेकिन वे मंदिर से करीब पांच किलोमीटर दूर पंबा में प्रदर्शन करने के बाद लौट गये। चेन्नीथला ने कहा कि वे मंदिर की तरफ नहीं जा रहे हैं क्योंकि वे मंदिर आ रहे श्रद्धालुओं के आगे अड़चन नहीं डालना चाहते।
इससे पहले यूडीएफ ने मंदिर से करीब 20 किलोमीटर दूर निलक्कल आधार शिविर पर विरोध प्रदर्शन किया और सबरीमला तथा आसपास लागू निषेधाज्ञा वापस लेने की मांग की।
पुलिस ने शुरूआत में कहा कि निषेधाज्ञा के मद्देनजर इतनी बड़ी संख्या में उन्हें मंदिर जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। बाद में उन्हें अनुमति दे दी गयी।
पुलिस अधीक्षक यतीश चंद्र ने स्पष्ट किया कि सरकारी केएसआरटीसी बसों से मंदिर जाने वाले आम श्रद्धालुओं पर कोई रोक नहीं है।