नई दिल्ली : पिछले कुछ दिनों से एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में लगी अनुच्छेद 35ए को लेकर चर्चा हो रही है। इस बीच इस अनुच्छेद को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए 5 जजों की एक बेंच बनाई है। ये बेंच 6 हफ्तों में इस मामले की सुनवाई करेगी।
कोर्ट ने कहा कि बेंच अनुच्छेद 35ए और अनुच्छेद 370 की जांच सैंविधानिक रुप से जांच करेगी और इसके तहत मिलने वाला स्पेशल स्टेटस का दर्जा का भी रिव्यू होगा। वहीं जम्मू-कश्मीर की सरकार ने कोर्ट में कहा है कि 2002 में इस मुद्दे पर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था, जिससे यह मामला सेटल हो गया था।
पीएम मोदी से मिली थी मुफ्ती
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 35ए को लेकर चल रही बहस के बीच शुक्रवार को राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। पीएम से मिलने के बाद मुफ्ती ने कहा कि हमारे एजेंडे में ये तय था कि आर्टिकल 370 के तहत राज्य को मिल रहे स्पेशल स्टेटस में कोई बदलाव नहीं होगा। पीएम ने भी इस मुद्दे पर सहमति जताई है।
वहीं उन्होंने 35ए के मुद्दे पर कहा कि राज्य में स्थिति सुधर रही है। उसके लिए कई तरह के निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 35 ए के हटने से राज्य में निगेटिव मैसेज जाएगा। जिससे राज्य में काफी असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में काफी विविधताएं हैं। पिछले वर्ष राज्य में हालात काफी बिगड़े थे, अब 35ए के दोबारा चर्चा में आने से लोग फिर चिंतित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने पीएम को कहा कि कश्मीर अभी मुश्किल हालात से गुजर रहा है। लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक मुस्लिम बहुल राज्य है, उनके लिए विशेष दर्जा होना चाहिए। वहीं गुरुवार को महबूबा मुफ्ती ने इसी मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।