सुप्रीम कोर्ट आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार कांड से जुड़े धन शोधन के एक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से कार्ति चिदंबरम को मिली गिरफ्तारी से अंतरिम राहत को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय की अर्जी पर 15 मार्च को सुनवाई करेगा। भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय की अर्जी को स्वीकार करते हुए कहा कि वह इसपर परसों (गुरूवार) सुनवाई करेगी।
जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता रजत नायर ने ईडी की अर्जी पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया। दिल्ली हाई कोर्ट ने धन शोधन मामले में नौ मार्च को कार्ति चिदंबरम को राहत देते हुए ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी पर 20 मार्च तक रोक लगा दी है। सीबीआई की एक अदालत ने कल कार्ति को 24 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की अर्जी भी खारिज कर दी। गौरतलब है कि जमानत याचिका पहले से ही 15 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। उच्च न्यायालय के आदेशानुसार, यदि सीबीआई अदालत 15 मार्च को कार्ति को जमानत देती है तो, ईडी उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकेगी।
कार्ति ने धन शोधन निषेध कानून (पीएमएलए) के तहत किसी को गिरफ्तार करने की प्रवर्तन निदेशालय की शक्तियों को समाप्त करने के लिए कार्ति ने उच्च न्यायालय में आवेदन दिया है। कार्ति ने अपने आवेदन में ईडी की इस शक्ति को संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत मिलने वाले विधि के समक्ष समानता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संरक्षण के अधिकारों का उल्लंघन बताया है।
अन्य विशेष खबरों के लिए पढ़िये पंजाब केसरी की अन्य रिपोर्ट।