राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने बताया, इराक के मोसुल में लापता सभी 39 भारतीय मारे गए। हरजत मसीह की कहानी सच्ची नहीं थी। वह इराक से बच निकला था। आईएसआईएस ने सभी भारतीयों की हत्या की। राज्यसभा में सुषमा ने कहा कि कल हमें जानकारी मिली है कि 38 लोगों के डीएनए नमूने मेल खाते हैं और 39 वें व्यक्ति के डीएनए का 70 प्रतिशत है मेल खा रहा है।
विदेश मंत्री ने कहा कि इराक में मारे गए भारतीयों के नश्वर अवशेषों को वापस लाने के लिए वीके सिंह इराक जाएंगे और मृतकों के पार्थिव शरीर भारत लेकर आएंगे। अवशेष ले आने वाला विमान पहले अमृतसर, फिर पटना और फिर कोलकाता जाएंगे। विमान के जरिए शवों को पंजाब, हिमाचल, पटना और पश्चिम बंगाल पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा, सभी पार्थिव शरीर भारत लाए जाएंगे और राज्य सरकार को सौंपे जाएंगे। इनमें से 31 पंजाब के रहने वाले थे। इससे पहले सरकार की ओर से इराक में लापता 39 भारतीयों का पता लगाने के लिए हरसंभव प्रयास करने बात की गयी थी।
सुषमा ने सदन को जानकारी दी कि मौत के अवशेष बगदाद को भेजा गया। सत्यापन के लिए रिश्तेदारों के डीएनए नमूने वहां भेजे गए, जिसमें 4 राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार के लोग शामिल है।
आपको बता दें कि 2014 में आईएस ने इराक पर कब्जा कर लिया था। तभी से इन 39 भारतीयों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। विदेश मंत्री ने कहा था कि वे सभी इराक में सुरक्षित हैं, वहीं इन 39 लोगों को इराक ले जाने वाले शख्स हरजीत मसीह ने दावा किया था कि उन सभी को उसके सामने ही आतंकियों ने मार दिया था।
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