विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय तथा उनकी पीड़ा दूर करने के लिए केंद्र,, राज्य सरकारों, सांसदों, विधायकों तथा समाज के विभिन्न वर्गों को मिलकर संकल्प लेना चाहिए। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लगभग एक घंटे तक चली‘विशेष चर्चा’का जवाब देते हुए श्रीमती स्वराज ने कहा कि महिलाओं ने बहुत सारी उपलब्धियां हासिल की है।
महिलाएं ऐसे क्षेत्रों में प्रवेश कर रही हैं जिनमें अभी तक पुरूषों का वर्चस्व रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि अभी भी कमियां बाकी है। महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय तथा उनकी पीड़ को दूर करने के लिए केंद, सरकार, राज्य सरकारों, सांसदों, विधायकों को समाज के विभिन्न वर्गों को मिलकर काम करने की जरुरत है।
इसके लिए संकल्प लिया जाना चाहिए और एक आंदोलन चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेश यात्रा के दौरान वह गर्व के साथ बताती हैं कि भारत में महिलाएं शीर्ष पदों पर रही हैं। देश में महिलाएं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यसभा की सभापति, लोकसभा अध्यक्ष, राज्य की मुख्यमंत्री तथा राज्यपाल जैसे पदों को सुशोभित कर चुकी हैं। कई राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की प्रमुख महिलाएं हैं।
श्रीमती स्वराज ने गणतंत्र दिवस समारोह में सीमा सुरक्षा बल की महिला कमांडों के मोटरसाईकिलों पर हैरतअंगेज प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि महिलाओं ने ऐसे तमाम क्षेत्रों में अपनी पहुंच बनाई है जिन्हें पुरुषों का आधिपत्य समझा जाता था।
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