नयी दिल्ली : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी( माकपा) ने आज मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद का बार- बार स्थगित होना भारतीय जनता पार्टी की ‘‘सुनियोजित रणनीति’’ लगती है ताकि सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चाओं को रोकाजा सके और विपक्ष की आलोचनाओं से बचा जा सके। माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने संवाददाता सम्मलेन में कहा, “ लोकसभा में गतिरोध को दूर करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री या सदन के नेता दोनों में से किसी के भी द्वारा किसी तरह का कोई प्रयास नहीं किया गया और देखा जाए तो पीठासीन अधिकारियों द्वारा भी प्रयास नहीं किए गए।” उन्होंने कहा कि मंत्री बस“ मंत्र दोहराते’’ रहे कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है लेकिन सदन में स्थिति को शांत करने के लिए उन्होंने कोई कदम नहीं उठाए।
सलीम ने कहा, “ हर दिन होने वाली घटनाओं का पूरा सिलसिला.. जैसे मिनटों में सदन का दोपहर तक स्थगित हो जाना, सत्तारूढ़ पार्टी और सरकार द्वारा निर्देशित और मंचित लगता है।” कावेरी प्रबंधन बोर्ड के तत्काल गठन को लेकर अन्नाद्रमुक के सदस्यों के हंगामे के कारण पांच मार्च से शुरू हुए बजट सत्र के दूसरे चरण के बाद से सदन पिछले21 दिनों से स्थगित होता रहा। उन्होंने कहा कि गिरती अर्थव्यवस्था, किसानों का संकट, दलित मुद्दा, बेरोजगारी, कॉर्पोरेट लूट, बैंक घोटाले और बैंकों से भारी- भरकम कर्ज लेकर विदेश चले जाने जैसे लोगों को प्रभावित करने वाले बड़े मुद्दों को स्थगन के कारण सदन में उठाया नहीं जा सका। सलीम ने कहा कि यहां तक कि वित्तीय विधेयक जो कि बजट सत्र का मुख्य एजेंडा था उसे भी बिना चर्चा के पारित कर दिया गया।
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