पटना : पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार में पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार से प्रदेश में ताजमहल बनाने एवं गंगा नदी के तर्ज पर फल्गु नदी की सफाई की मांग कर कहा कि पटना में जो सभ्यता द्वार का निर्माण हुआ वह सराहनीय कार्य है लेकिन कन्वेंशन हॉल, बापू सभागार म्यूजियम आदि पर राज्य सरकार द्वारा खर्च किया गया पैसा व्यर्थ साबित है।
प्रदेश के अलग-अलग शहरों में इसू बनाया जाता तो वहां का विकास के साथ साथ लोगों को रोजगार का अवसर मिलता। अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से वार्तालाप कर पूर्व मुख्यमंत्री ने कही। उन्होंने कहा कि गंगा सफाई अभियान के तर्ज पर फल्गु नदी की भी सफाई होनी चाहिए। क्योंकि गया स्थित इस नदी में प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में प्रदेश के अलावे अन्य प्रदेशों से सैलानियां आकर अपने पूर्वजों को तर्पण करते हैं।
गया के विथो स्थान पर फल्गु नदी में विथो बांध बनाकरप नदी के दोनों ओर बोधगया तक सड़क निर्माण होने से पर्यटक उद्योग को बढ़ावा मिल सकता है। एक फसलीय मोकामा टाल को गया तक नहर से जोड़ देने पर यह क्षेत्र द्विफसली हो जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिहार में विकास की बात करती है। वहीं गरीबों के पास न रहने का घर है और न शौचालय।
प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था चरमरायी हुई है। मुख्यमंत्री ऐतिहासिक पुरूष बनना चाहते हैं। प्रदेश में कोई सामाजिक कार्य नहीं हो रहा ह। रोज व रोज बलात्कार, हत्या व दलितों पर अत्याचार की घटनाएं घट रही है।संवाददाता सम्मेलन में बीएल वैश्यंत्री, अनामिका पासवान, दानिश रिजवान, विजय यादव, राजीव नयन सिंह उर्फ बलमा बिहारी, अमरेन्द्र त्रिपाठी समेत अन्य उपस्थित थे।
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