उत्तर-प्रदेश के बागपत में एक गन्ना किसान की मौत हो गई है। गन्ना किसान श्री उदयवीर गन्ना बकाया और बढ़े बिजली बिल के विरोध में क्षेत्र के किसानों के साथ 5 दिन से बड़ौत तहसील पर धरना दे रहे थे। इस दौरान उनके साथ धरने पर बैठे दो अन्य किसानों की भी हालत बिगड़ गई है।
आपको बता दे कि किसान संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान मेें चल रहे पांच सूत्रीय मांगों को लेकर शनिवार की सुबह धरने पर बैठे एक किसान की हार्ट अटैक आने पर मौत हो जाने से किसानों में आक्रोश उत्पन्न हो गया। जबकि एक किसान की हालत बिगड गई। देखते ही देखते धरना स्थल पर किसानों भी भीड़ जमा हो गई।
अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया। धरना स्थल पर कांग्रेस, सपा, शिव सेना, भाकियू, रालोद कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे । उन्होंने कहा जब तक मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और एक परिवार को सरकारी नौकरी की मांग पूरी नहीं होगी, किसान का शव उठने नहीं देंगे। आंदोलनकारी किसान शव को बर्फ पर रखे धरने पर बैठ गए। उनके बीच एसडीएम पहुंचे और उन्होंने उन्हें 12 लाख का मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया, लेकिन किसान नहीं माने।
वही , धरना-स्थल पर बैठे किसान नेता चौधरी सुरेंदर सिंह ने कहा, ”बिजली का बिल हर दो महीने पर करीब 1,600 रुपये बढ़ा दिया है। हमारा बकाया रोज बढ़ता ही जा रहा है। कई खेत ऐसे हैं जहां गन्ना अभी नहीं कटा है। किसानों के सामने संकट जैसी परिस्थितियां हैं।” किसानों ने कहा कि भाजपा ने राज्य की सत्ता में आने के 14 दिन के भीतर बकाया भुगतान का वादा किया था, उल्टे बिजली और महंगी कर दी है।
उत्तर-प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर कल (28 मई) उपचुनाव के लिए वोटिंग होनी है। इससे पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। जिसके बाद वह यूपी के बागपत पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। दोनों नेताओं ने बारी-बारी से जनसभा को संबोधित किया और गन्ना किसानों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।
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