लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

केन्द्रीय बैंक की स्वायत्तता बहुत “पवित्र” : अरविंद सुब्रमणियम

अरविंद सुब्रमण्यम ने हालांकि इस बात का संकेत दिया कि जहां तक NBFC और IL , FCसंकट की बात है इस मामले में रिजर्व बैंक की तरफ से कुछ चीजों को नजरंदाज किया गया।

पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता ‘‘पवित्र’’ है और इसके साथ कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। सरकार द्वारा रिजर्व बैंक की कमान एक पूर्व नौकरशाह को सौंपे जाने के एक दिन बाद सुब्रमण्यम ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रणाली की मजबूती बहाल करने के लिए पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल द्वारा ठाये गये कदम संस्थान के लिए किसी नुकसान के आकलन में महत्वपूर्ण होंगे।

अरविंद सुब्रमण्यम ने यहां 5वें इंडिया इकोनोमिक कानक्लेव को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह काफी महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में क्या यह चीज (वित्तीय प्रणाली फिर से ठीक करने की योजना) बरकरार रहेगी अथवा नहीं। यही इस मापने का पैमाना हो सकता है कि बड़े संस्थागत मोर्चे पर क्या हो रहा है।’’ अरविंद सुब्रमणियम ने कहा, ‘‘कई ऐसी अच्छी वजहें हैं जिनके चलते रिजर्व बैंक की छवि बहुत अच्छी हैं।

निर्णय तथा कामकाज और संचालन की स्वायत्तता को बनाए रखना पूरी तरह एक पवित्रता काम है। हमें इस मामले में कोई समझौता नहीं करना चाहिए।’’ अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि पटेल के कार्यकाल में रिजर्व बैंक ने ‘‘सराहनीय’’ काम किया है। बैंक ने त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए), एनबीएफसी के मुद्दों से निपटने और विभिन्न निजी बैंकों से निपटने जैसे कई मुद्दे रहे हैं जिनमें उन्होंने सराहनीय काम किया।

यहां यह उल्लेखनीय है कि उर्जित पटेल के इस्तीफे से करीब एक सप्ताह पहले ही रिजर्व बैंक और सरकार के बीच कम से कम दो मुद्दों पर मतभेदों की खूब चर्चा रही। इनमें पीसीए और एनबीएफसी के मुद्दे प्रमुख हैं। सरकार चाहती थी कि रिजर्व बैंक बैंकों के खिलाफ त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई यानी पीसीए के मामले में उदार रुख अपनाये ताकि ज्यादा से ज्यादा बैंक कर्ज उपलब्ध करा सकें। वहीं सरकार ने गैर-बैंकिंग वित्त क्षेत्र में भी तरलता समर्थन बढ़ाने पर भी जोर दिया, जिसे रिजर्व बैंक ने उस समय नकार दिया।

अरविंद सुब्रमण्यम ने हालांकि इस बात का संकेत दिया कि जहां तक एनबीएफसी और आईएल एण्ड एफसी संकट की बात है इस मामले में रिजर्व बैंक की तरफ से कुछ चीजों को नजरंदाज किया गया। बहरहाल, इसी कार्यक्रम में बोलते हुये पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी वित्तीय नियामकों की स्वतंत्रता पर जोर दिया। अरविंद सुब्रमणियम ने कहा, ‘‘ये नियामक बुनियाद हैं इन्हें मजबूत किया जाना चाहिये। यह सुनिश्चित करने के लिये कि हमारी वृद्धि स्वस्थ और स्थायी हो इन संस्थानों को स्वतंत्र निकाय के तौर पर मजबूत बनाये रखना चाहिए।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

one × four =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।