पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दलित आदिवासियों को कारोबार करने एवं लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्योग स्थापित कर सकें। इस योजना का नाम अनुसूचित जाति एवं जनजाति उद्यमी योजना। जिसका पोर्टल का लॉचिंग किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दलित आदिवासियों के रोजगार के लिए 2014-15 में 98 करोड़ 23 लाख रुपया वहीं 2016-17 में 100 करोड़ 7 लाख रुपया 2016-17 में 80 करोड़ 85 लाख रुपया 2017-18 में 70 करोड़ 39 लाख रुपया राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया था। जिसका खर्च नहीं होने के कारण यह राशि सरकार क कोष में जमा करना पड़ा। इसलिए नीतीश कुमार ने कहा कि इस योजना को सरल बनाया जाये जिससे पढ़े लिखे नौजवानों को रोजगार मिल सके। यह रोजगार करने के लिए बैंकों में जाने की जरूरत नहीं है सीधा उद्योग विभाग लाभुकों का पैसा आरटीजीएस के माध्यम से बैंक में भेज देगी। उक्त बातें विकास भवन स्थित उद्योग विभाग केसभागार में आयोजित वेब पोर्टल लॉचिंग कार्यक्रम के दौरान उद्योग मंत्री जयकुमार सिंह ने कही।
श्री सिंह ने कहा कि दलित आदिवासी युवा एवं युवतियों के लिए उद्योग स्थापित करने के लिए दस लाख रुपया तक ऋण देगी। जिसमें 50 प्रतिशत सब्सिडी है। 5 लाख रुपया विशेष प्रोत्साहन राशि देगी, जिसे 84 किस्तों में जमा करना होगा। प्रत्येक महीना 6 हजार रुपया लगेगा, उद्योग लगाने वाले लाभुकों को प्रशिक्षण पर 25 हजार रुपये खर्च करेगी। यह योजना में लाभ लेने वाले बिहार के निवासी एवं दलित आदिवासी वर्ग से आता हो। कम से कम 10 प्लस टू, इंटरमीडिएट, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, डिप्लोमा या समकक्ष, उम्र सीमा 18 से या अधिक हो। यह योजना तीन चरणों में दी जायेगी। प्रथम किस्त 25 प्रतिशत ढ़ाई लाख, भूमि एवं व्यवस्था बनाने के लिए द्वितीय किस्त 50 प्रतिशत यानि पांच लाख रुपया साथ ही मशीन भी दी जायेगी। वहीं तीसरा किस्त 25 प्रतिशत ढ़ाई लाख रुपया भुगतान किया जायेगा। आदिवासी एवं दलित युवा युवति बिहार सरकार के ऑनलाइन पोर्टल द्वारा अपना आवेदन भर सकते हैं।
इस योजना के अध्यक्ष समेत कुल दस सदस्य बनाये गये हैं। उद्योग विभाग के प्रधान सचिव अध्यक्ष होंगे, निदेशक तकनीकी, विकास निदेशालय, सदस्य सह सचिव होंगे, उद्योग निदेशक सदस्य, प्रमंडल निदेशक सदस्य, विभागीय अतिरिक्त वित्तीय सलाहकार सदस्य, उद्योग के योजना प्रभारी सदस्य, चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के सदस्य, विकास प्रबंधन संस्थान के सदस्य, उद्योग संघ के सदस्य, चैम्बर ऑफ कॉमर्स के सदस्य होंगे। मौके पर प्रधान सचिव डा. एस. सिद्घार्थ, श्रीमती हरजोत कौर मौजूद थे।
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