नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी( आप) ने उसके20 विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के फैसले को रद्द करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आज के आदेश का स्वागत करते हुये कहा है कि चुनाव आयोग ने दिल्ली की निर्वाचित सरकार को गिराने की संजीदा कोशिश के तहत पार्टी विधायकों की सदस्यता खत्म करने की सिफारिश की थी। आप ने उच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुये चुनाव आयुक्तों से इस्तीफा देने या माफी मांगने की मांग की है। पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने पूर्व चुनाव आयुक्त ए के जोती पर निशाना साधते हुये आरोप लगाया कि उन्होंने‘ केन्द्र सरकार को खुश’ करने के लिये आप विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया था।
पार्टी विधायकों को लाभ के पद के मामले में उच्च न्यायालयद्वारा राहत देने केआज के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में पार्टी नेता आशुतोष ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा आप विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश दिल्ली की निर्वाचित सरकार को अपदस्थ करने का गंभीर प्रयास था। आशुतोष ने कहा कि चुनाव आयोग ने पार्टी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के फैसले के माध्यम से दिल्ली के जनादेश को नेस्तनाबूद करने की कोशिश की थी। उल्लेखनीय है कि आयोग ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा आप के20 विधायकों की संसदीय सचिव के रूप में नियुक्ति को‘ लाभ के पद’ के दायरे में बताते हुये राष्ट्रपति से इनकी सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की थी। इस साल जनवरी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सभी20 विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अधिसूचना जारी कर दी थी।
उच्च न्यायालय ने आयोग द्वारा मामले की सुनवाई के दौरान आप विधायकों का पक्ष ठीक से नहीं सुने जाने की अर्जी को सही ठहराते हुये आयोग की सिफारिश को न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत के प्रतिकूल बताया और राष्ट्रपति की अधिसूचना को निष्प्रभावी करार दिया। आशुतोष ने कहा‘‘ संवैधानिक पदों पर यदि छोटी सोच वाले लोग बैठेंगे तो लोकतंत्र सुरक्षित नहीं होगा। आयोग का फैसला सही मायने में दिल्ली के जनादेश को धता बताते हुये एक निर्वाचित सरकार को अपदस्थ करने की गंभीर कोशिश थी।’’ उन्होंने कहा कि आयोग का फैसला न सिर्फ संवैधानिक तौर पर अवैध था बल्कि इससे यह भी साफ हो गया कि संवैधानिक प्राधिकारी किस प्रकार से समझौता करते हैं। आशुतोष ने ट्वीट कर कहा‘‘ ए के जोती और उनके दो अन्य सहयोगियों को आत्ममंथन करना चाहिये। क्या उन्हें इस्तीफा देकर माफी नहीं मांगनी चाहिये।’’ भारद्वाज ने कहा कि अदालत के फैसले के बाद इस मामले से जुड़े पार्टी के सभी20 विधायक अब विधानसभा के बजट सत्र में हिस्सा ले सकेंगे और उन्हें अपने विधायी कार्यों को सुचारु रखने का मौका मिलेगा।
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