जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों को सेना से बचाने के लिए पत्थरबाजों का गैंग तैयार किया जा रहा है। इस गैंग में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के युवाओं को भी नौकरी देने के नाम पर शामिल किया जा रहा है। बागपत और सहारनपुर से जम्मू-कश्मीर गए युवकों ने बड़ा खुलासा किया है। इन युवकों का कहना है कि हमें नौकरी का लालच देकर सेना पर पत्थर फेंकने की ट्रेनिंग दी गई और ब्लैकमेल किया गया।
कश्मीर से छूटकर घर पहुंचे पीड़ित युवकों ने बताया कि वे कश्मीर में सिलाई की फैक्ट्री में नौकरी करने गए थे, लेकिन फैक्ट्री मालिक ने कश्मीरियों की मदद से उन्हें बंधक बना लिया और उन्हें पत्थरबाजी करने की ट्रेनिंग देकर सेना के जवानों पर पत्थरबाजी करने को मजबूर किया। पीड़ितों का कहना है कि जब इन लोगों ने सेना के जवानों पर पत्थरबाजी से इंकार कर दिया तो इन्हें मारा-पीटा जाता था।
वही , जम्मू कश्मीर में नौकरी के लिए गए सहारनपुर के तीन युवकों को कश्मीर में दो महिनों तक बंधक बनाकर रखने तथा भारतीय सेना पर पत्थर फेंकने का दबाव बनाने के मामले की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने गुरूवार को यहां बताया कि सहारनपुर पुलिस इस मामले में जम्मू-कश्मीर की पुलिस से संपर्क कर रही है। जल्द ही इस मामले की तह तक पहुंचा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच शुरू कर दी गयी है।
उन्होंने बताया कि सहारनपुर पहुंचे जुड्डी गांव निवासी युवक पंकज एवं नाथीराम तथा नानोता निवासी हबीबुर रहमान ने खुलासा किया है कि उनको बागपत और गाजियाबाद के दो युवक 45 हजार रूपए प्रतिमाह की नौकरी देने का लालच देकर जम्मू-कश्मीर ले गए थे। उन्हे गत 24 जनवरी को पुलवामा स्थित इंडस्टियल एरिया की एक फैक्टरी में काम पर रखा गया।
उन्होनें कहा कि एक महिना पूरा होने पर युवकों ने वेतन की मांग की तो उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें दो महिनों बंधक बनाकर रखा गया। इस दौरान पैसे का लालच देकर उनसे भारतीय सेना पर पत्थर फेंकने का दबाव बनाया गया।
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