करीब पांच दशकों के लंबे अंतराल के बाद देश की तीसरे राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर रामनाथ कोविंद सोमवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के गौरव शिवावतारी बाबा गोरखनाथ मंदिर के दर्शन करेंगे। इससे पहले देश के पहले राष्ट्रपति डा राजेंद्र नाथ और दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधा कृष्णन गोरखनाथ मंदिर में दर्शन कर चुके हैं।
मंदिर प्रशासन ने राष्ट्रपति कोविंद की भव्य अगवानी की तैयारी की है। श्री कोविंद की मौजूदगी में कल मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित होने वाले महाराणा प्रताप शिखा परिषद के संस्थापक समारोह के मुख्य महोत्सव के दो हजार लोग साक्षी बनेंगे। 1200 से अधिक लोग सभागार में बैठकर आयोजन का गवाह बनेंगे तो 800 लोगों को एलइडी के माध्यम से आयोजन में हिस्सा लेने का अवसर दिया जायेगा। इतना ही नहीं मंदिर में आने वाले श्रद्धालु भी आयोजन को देख सके, इसके लिए मंदिर के बाहरी परिसर में यात्री निवास के पास भी एलईडी की व्यवस्था की गयी है। हालांकि वहां कुर्सियां नहीं लगायी जायेगी इसलिए श्रद्धालु आयोजन को खडे होकर ही देख सकेंगे।
राष्ट्रीय-कोविंद गोरक्षपीठ दो अंतिम गोरखपुर वायुसेना के विशेष विमान ने रविवार शाम चार बजकर 55 मिनट पर यहां पहुंचने के बाद वह सर्किट हाउस जायेंगे और शाम सात बजे से अगले एक घंटे तक अतिगणमान्य लोगों के साथ मुलाकात करेंगे। श्री कोविंद रात्रि विश्राम सर्किट हाउस में ही करेंगे। राष्ट्रपति का काफिला 10 दिसम्बर को साढ़ नौ बजे गोरखनाथ मंदिर पहुंचेगा जहां दस बजे वह महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेंगे।
समारोह के विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक होंगे। राष्ट्रपति 11.30 बजे दिल्ली के लिए यहां से प्रस्थान कर जायेंगे। गोरखनाथ के पुजारी और मंदिर के सेवक इस बात के लिए खुश हैं कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उन्हें यह मौका मिल रहा है कि वह राष्ट्रपति को अपने करीब देखेंगे। गौरतलब है कि महाराणा प्रताप शिक्षण संस्थान ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा के प्रसार की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है। इसके अन्तर्गत 44 शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से प्राथमिक से लेकर स्नात्कोत्तर तक, नर्सिंग, अस्पताल और तकनीकी शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से उत्कृष्ठ शिक्षा वर्ष 1932 से प्रदान की जा रही है।