ट्रांसपोर्टरों की सबसे बड़ी यूनियन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) अपनी पुरानी मांगों के साथ लाखों ट्रक और बस ऑपरेटर्स ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला लिया है। एआईएमटीसी का कहना है कि शुक्रवार यानि आज सुबह 6 बजे से देश भर में चक्काजाम रहेगा और ये हमारी मांगे माने जाने तक जारी रहेगा। जानकारी के लिए बता दें कि करीब 90 ट्रक और 50 लाख बस के पहिये थम सकते हैं। इसके पहले हड़ताल की धमकी के बाद सरकार ने ट्रांसपोटर्स को मनाने और कुछ रियायते देने की पेशकश की थी। इस मामले पर सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार अभी ट्रांसपोटर्स को मनाने के प्रयास में लगी हुर्इ है।
सभी शहरों में बड़े सप्लाई केंद्रों पर बुधवार से ही नई लोडिंग और बुकिंग बंद होती दिखी और शुक्रवार से करीब 90 लाख ट्रक और 50 लाख बसें सड़कों से बाहर हो सकते हैं। हालांकि सरकारी सूत्रों का कहना है कि ट्रांसपोर्टर्स को मनाने की कोशिशें जारी हैं और गुरुवार को निर्णायक सहमति बन सकती है। दो दिन पहले ही ट्रकों की लोडिंग सीमा बढ़ाकर ट्रांसपोर्टर्स को लुभाने वाली रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने अब दो ड्राइवरों की अनिवार्यता, फिटनेस सर्टिफिकेट और ओवरलोडिंग पर कुछ रियायतों की पेशकश की है, लेकिन ट्रांसपोर्टर्स ने साफ कर दिया है कि उनकी हड़ताल डीजल कीमतों, ईवे बिल, थर्ड पार्टी प्रीमियम और टीडीएस जैसे बड़े नीतिगत बदलावों की मांग को लेकर है।
एईएमटीसी के प्रेजिडेंट एस.के. मित्तल ने सभी पदाधिकारियों के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि शुक्रवार से पूरे देश में सभी ट्रक, बस, लॉरी मालिक अपनी गाड़ियां सड़कों से दूर रखेंगे। उन्होंने मांग की है कि सरकार डीजल कीमतों में कमी के लिए इसे जीएसटी के दायरे में लाए या मौजूदा केंद्रीय व राज्य करों में कटौती करे। उन्होंने कहा कि टोल कलेक्शन सिस्टम बदलने की जरूरत है। टोल प्लाजा पर ईंधन और समय के नुकसान से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की छूट मिले और एजेंटों को होने वाला अतिरिक्त कमिशन खत्म हो। बसों और पर्यटन वाहनों के लिए नैशनल परमिट मिले। इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 44एई में प्रिजेंप्टिव इनकम के तहत टीडीएस बंद हो। गौरतलब है की इस हड़ताल का पूरा-पूरा असर आम आदमी पर पड़ने वाला। हड़ताल से सभी रोजमर्रा के सामान की सप्लाई बंद हो जाएगी। ऐसे में डिमांड बनी रहेगी और सप्लाई घट जाएगी। लिहाजा आम आदमी को इन चीजों के लिए ज्यादा दाम चुकाने होंगे।