त्रिपुरा में पिछले 25 साल से लगातार सत्ता में कायम वाम मोर्चा को बेदखल करने की कोशिश के तहत भाजपा ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए आईपीएफटी के साथ एक गठबंधन को आज अंतिम रूप दिया। राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 फरवरी को मतदान होगा। नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (एनईडीए) के प्रमुख हिमंत बिश्व शर्मा ने इस बारे में यहां घोषणा करते हुए संवाददाताओं से कहा कि दोनों पार्टियां त्रिपुरा के मूल निवासियों की सामाजिक – आर्थिक, शैक्षणिक, भाषायी और राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाने को लेकर सहमत हुई।
असम के वित्त मंत्री हिमंत बिश्व शर्मा ने कहा कि भाजपा और ‘इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के बीच गठबंधन लोगों की मांग के सम्मान में और वाम विरोधी वोटों के बिखराव को रोकने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस बारे में संदेह नहीं है कि हम माकपा नीत वाम मोर्चा से शासन अपने हाथों में ले लेंगे।’’ शर्मा ने कहा कि लोग पिछले 25 साल में माकपा के कुशासन और अत्याचार से तंग आ गए हैं और वे बदलाव चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों के नामों की सूची को 27 जनवरी को नयी दिल्ली में पार्टी का संसदीय बोर्ड अंतिम रूप देगा। गौरतलब है कि वाम मोर्चा का पिछले 25 साल से त्रिपुरा में शासन है। राज्य में मौजूदा मुख्यमंत्री माणिक सरकार का सबसे लंबा शासन रहा है और वह 20 साल से सत्ता संभाले हुए हैं।
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