तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर प्लांट के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई 13 लोगों की मौत का मामला अभी थमा नहीं है। तूतीकोरिन हिंसा के बाद सियासी घमासान मचा हुआ है। तूतीकोरिन में वेदांता स्टरलाइट कॉपर यूनिट के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलाबारी में 13 लोगों की मौत के बाद जहां एक ओर विपक्ष ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ बंद की अपील की है, वहीं दूसरी ओर इस मामले में वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल की सफाई आई है। उन्होंने कहा कि जो भी तूतीकोरिन में हुआ है हम उससे दुखी हैं। अभी ये प्लांट बंद है, लेकिन इसे दोबारा शुरू करने के लिए हम सरकार और कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
हम अभी तक कोर्ट और सरकार के हर नियम का पालन कर रहे हैं। आपको बता दें कि गुरुवार को भी इस मामले में तमिलनाडु में प्रदर्शन किया गया। तमिलनाडु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस मामले पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी का कहना है कि, ‘स्टालिन बवाल की नियत से आए थे। वो पब्लिसिटी के लिए ड्रामा कर रहे थे। ‘मुख्यमंत्री ने कहा, ‘स्टालिन का कहना है कि मैंने उनसे मुलाकात नहीं की, लेकिन वो मेरे सामने बैठे थे।
अगर वो कहते कि स्टरलाइट कॉपर प्लांट को लेकर वो याचिका देना चाहते हैं तो मैं उसे जरूर से लेता। लेकिन वो ड्रामा कर रहे थे। ‘पलानीस्वामी ने बताया कि ‘जयललिता ने पहले ही कॉपर प्लांट की बिजली कटवा दी थी। लेकिन ये फैसला एनजीटी के द्वारा बदल दिया गया। इसके बाद 2013 में एनजीटी के फैसले के खिलाफ जयललिता सुप्रीम कोर्ट गई थीं। जहां ये मामला अभी भी विचाराधीन है। ‘गौरतलब है कि तूतीकोरिन में विरोध-प्रदर्शन के कारण स्टरलाइट कॉपर प्लांट बंद होने से 32 हजार 500 नौकरियों पर असर पड़ा है।
इनमें 3 हजार 5 सौ लोगों की आजीविका पर सीधा असर पड़ा है, जबकि 30 से 40 हजार नौकरियों पर अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ा है। स्टरलाइट कॉपर प्लांट में 2,500 कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर हैं, जिन्हें कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट के force majeure प्रावधान का उल्लेख करते हुए नोटिस जारी किया है। कम से कम 30 हजार अप्रत्यक्ष कर्मचारी कारखाना बंद होने से बेरोजगार हो गए हैं, जोकि सप्लायर्स, लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, कॉपर वॉयर यूनिट अन्य गतिविधियों के जरिए कारखाने से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए थे।
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