भोपाल : मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने केन्द्रीय मंत्री उमा भारती द्वारा लिखे पत्र के मामले में आज यह आरोप लगाते हुए कहा कि नियम विरूद्ध तरीके से अपने चहेते अधिकारियों को आईएएस बनाने के राजनीतिक प्रयास से अधिकारियों का मनोबल गिरा है।
श्री सिंह ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा कि सुश्री भारती ने अपने एक चहेते अधिकारी को आईएएस अवार्ड न करने के मामले में जो पत्र लिखा है, उससे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सुशासन का दावा झूठा है, यह उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि इस पत्र के बाद प्रदेश के साढ़ छ: लाख अधिकारियों-कर्मचारियों का मनोबल भी गिरा है, क्योंकि जो लोग ईमानदारी, कर्मठता और निष्पक्षता के साथ बगैर राजनीतिक संबंधों के काम कर रहे हैं उन्हें महसूस हो रहा है कि किस तरह उनके साथ अन्याय हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुश्री भारती के पत्र से यह भी जाहिर होता है कि अधिकारियों-कर्मचारियों के बारे में कोई भी निर्णय राजनीतिक विचारधारा के आधार पर होता है।
जैसा कि सुश्री भारती ने अपने पत्र में लिखा है। उनके पत्र से यह भी पर्दाफाश हुआ है कि किस तरह दागी अफसरों को आईएएस अवार्ड किया गया और यह भी सवाल खड़ होता है कि किस तरह अगर किसी अधिकारी को प्रताड़त करना है तो उसे झूठे मामलों में फंसाया जाता है।
उन्होंने कहा कि नियम विरूद्ध आईएएस बनाने के लिए कानून की मान्य प्रक्रियाओं का उल्लंघन करने के ऐसे कई मामले प्रकाश में आए हैं, लेकिन उनकी अनदेखी कर दी गई। ऐसे नियम तोड़ कर चहेते अधिकारियों को आईएएस बनाने के राजनैतिक प्रयासों से राज्य के अफसरों का मनोबल गिरा है।
अब यह भी विश्वास हो गया है कि मनचाहा पद पाने के लिए राजनीतिक जोड़-तोड़ होना जरूरी है। इससे ईमानदार, कर्मठ और स्वच्छ छवि वाले अफसरों का मनोबल गिर गया है। इसका सीधा असर कामकाज पर पड़गा और प्रदेश का विकास ठप्प होगा।
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