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केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का निधन, PM मोदी ने जताया शोक

मोदी ने ट्वीट में कहा, अनंत कुमार जी सक्षम प्रशासक थे, जिन्होंने कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली और भाजपा संगठन के लिये एक धरोहर थे।

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का सोमवार तड़के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह पिछले कुछ महीनों से फेफड़े के कैंसर से जूझ रहे थे।शंकरा अस्पताल के निदेशक नागराज ने बताया कि कुमार (59) ने तड़के दो बजे आखिरी सांस ली। उस वक्त उनकी पत्नी तेजस्विनी और दोनों बेटियां भी वहां मौजूद थीं। अमेरिका और ब्रिटेन में इलाज कराने के बाद वह हाल में ही बेंगलुरु लौटे थे। उनका बाद में यहां शंकरा अस्पताल में उपचार चल रहा था।

भाजपा सूत्रों ने बताया कि कुमार का शव श्रद्धांजलि के लिये नेशनल कॉलेज ग्राउन्ड में रखा जाएगा। यह मैदान उनके बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है। उनके निधन पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूरे देश में राष्ट्रध्वज आधा झुकाने का निर्देश दिया है। इसी के मुताबिक राष्ट्रीय शोक भी मनाया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि अंतिम संस्कार की व्यवस्था पर काम चल रहा है। उनके पार्टी कार्यालय ने एक बयान में बताया कि अनंत कुमार का कैंसर और संक्रमण के बाद पैदा हुई जटिलताओं के कारण निधन हुआ।

बयान में बताया गया कि वह पिछले कुछ दिनों से सघन निगरानी कक्ष में कृत्रिम जीवन रक्षक प्रणाली पर थे। अनंत कुमार के निधन पर शोक प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”मैं अपने महत्त्वपूर्ण साथी एवं मित्र के निधन से बेहद दुखी हूं।” उन्होंने कुमार को असाधारण नेता बताया, जो युवावस्था में ही सार्वजनिक जीवन में आए और काफी लगन और सेवा भाव से समाज की सेवा की। उन्होंने कहा कि वह अपने अच्छे कार्य के लिये हमेशा याद किये जाएंगे।

मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ”अनंत कुमार जी सक्षम प्रशासक थे, जिन्होंने कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली और भाजपा संगठन के लिये एक धरोहर थे। उन्होंने पार्टी को कर्नाटक और खासतौर पर बेंगलुरु और आस-पास के क्षेत्रों में मजबूत करने के लिये कठोर परिश्रम किया। वह अपने क्षेत्र की जनता के लिये हमेशा सुलभ रहते थे।” प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने कुमार की पत्नी डॉ. तेजस्विनी से बातचीत की और अपनी संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा, ‘‘इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदना उनके समूचे परिवार, मित्रों और समर्थकों के प्रति है। ओम शांति।”

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जताया शोक

केंद्रीय मंत्री के निधन पर शोक जताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘अनंत कुमार का निधन देश के सार्वजनिक जीवन में बहुत बड़ी क्षति है, खासकर कर्नाटक के लोगों के लिए। उनके परिवार, सहयोगी और अनंत शुभेच्छुओं को मेरी सांत्वना।’

वही, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, अपने अति वरिष्ठ सहयोगी और मित्र के असामयिक निधन से दुखी और सदमे में हूं। वे एक मंझे हुए सांसद थे जिन्होंने अपनी पूरी काबिलियत से देश की भरपूर सेवा की। लोक कल्याण के लिए उनके जुनून और समर्पण की जितनी तारीफ की जाए, कम है। दुख की इस घड़ी में मैं उनके परिजनों के साथ हूं।

बता दें कि अनंत कुमार मौजूदा राजग सरकार में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री और रसायन एवं उर्वरक मंत्री थे। छह बार के सांसद कुमार आरएसएस कार्यकर्ता से केंद्रीय मंत्री बनने तक राजनीतिक सोपान तेजी से चढ़ते गए। कुमार भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के हमेशा करीब रहे। वह चाहे अटल बिहारी वाजपेयी या लालकृष्ण आडवाणी का दौर रहा हो या मौजूदा नरेंद्र मोदी का दौर। वह 1987 में भाजपा में शामिल हुए और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह एबीवीपी के राज्य सचिव और राष्ट्रीय सचिव, भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और महासचिव रहे।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा के साथ कुमार उन चंद पार्टी नेताओं में शामिल थे जिन्हें कर्नाटक में भाजपा के विस्तार का श्रेय दिया जा सकता है क्योंकि उन्होंने राज्य में संगठन को खड़ा किया और 2008 में पार्टी को राज्य की सत्ता तक पहुंचाया। दक्षिण भारत में तब भाजपा की पहली सरकार बनी थी। अनंत कुमार 1996 में पहली बार बेंगलुरु दक्षिण सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए और निधन होने तक यह क्षेत्र उनका गढ़ रहा।

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