हाल ही में भारत में मौजूदा सरकार के मंत्रिमंडल में विस्तार किया गया और कई नये चेहरों ने मंत्रीपद की शपथ ली। वैसे तो कई लोगों के बारे में चर्चा करना बनता है पर एक व्यक्ति है जो इन सब में ख़ास है। ये है टीकमगढ़ से सांसद डॉ वीरेंद्र खटीक , जो मूल रूप से मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहने वाले है।
मोदी सरकार में ये पहले राज्य मंत्री थे और अब इन्हे कैबिनेट मंत्री मंडल में शामिल किया गया है। आम से ख़ास बनने के सफर में इन्होने काफी संघर्ष देखा है। इनका बचपन काफी गरीबी में गुज़रा है और इनके पिता की पंचर लगाने की दूकान थी।
स्कूली पढाई के दौरान ये भी अपने पिता के साथ खाली वक्त में पंचर की दूकान पर काम में हाथ बंटाते थे। आज भले ही ये मंत्री बन गए हो और देश के ख़ास लोगों में शामिल हो पर इनका रहन सहन आज भी आम लोगों जैसा ही है।
आपको बता दें राजनीति में इनका अनुभव शानदार रहा है और ये टीकमगढ़ से लगातार 6 बार सांसद चुने गए है। बाकी नेताओं की तरह इन्हे तामझाम और मजमा बाज़ी कुछ ख़ास पसंद नहीं है और मंत्री पद पर होने के बावजूद जब ये घर आते है तब बिना किसी सुरक्षा और गार्ड्स के अपने पुराने स्कूटर पर ही घूमने निकल जाया करते है।
एक इंटरव्यू में इन्होने बताया की स्कूल से लेकर कॉलेज की पढाई के दौरान तक इन्होने करीब 10 साल पंचर की दूकान पर काम किया है। और अब मंत्री होने के बावजूद इनके व्यक्तित्व में बदलाव नहीं आया है।
अब भी जब ये किसी ग्रामीण क्षेत्र में दौरे पर होते है और किसी पंचर वाले को साइकिल सुधारते हुए देख लें तो टिप्स देना नहीं भूलते। 26 फरवरी 1954 को सागर में जन्मे वीरेंद्र खटीक आरएसएस से जुड़ें रहे है और आपको बता दें अनुसूचित जातियों के लिए इन्होने कई सराहनीय काम किये है।