श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने एक बार फिर श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट की उत्तर क्षेत्र में खाली पड़ी मंदिर की साढे़ तीन एकड़ भूमि का उपयोग यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए किए जाने की मांग रखी है। गौरतलब है कि वर्ष 1997 में तत्कालीन गृह राज्यमंत्री राजेश पायलट के दौरे के पश्चात श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट मंदिर की उत्तरी दिशा में खाली पड़ी जमीन में बाड़ लगाकर उसमें लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था। मंदिर प्रशासन अब इसी जमीन का उपयोग करना चाहता है।
सेवा संस्थान के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी का कहना है कि सोमवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की त्रैमासिक बैठक हुई। बैठक में पुलिस अपर महानिदेशक (सुरक्षा) विजय कुमार सहित तमाम आला अफसर सम्मिलित हुए।
उन्होंने कहा, बैठक के दौरान एडीजी से पुनः अनुरोध किया गया कि केशव वाटिका के नाम से प्रसिद्ध जमीन को आम जनता की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन को सौंप दिया जाये।
चतुर्वेदी ने कहा, 24 फरवरी को बरसाना की लट्ठमार होली के अवसर पर जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर दर्शन करने आए थे, तब भी उन्हें इस संबंध में एक प्रतिवेदन सौंपा गया था। उसी परिप्रेक्ष्य में सोमवार को सुरक्षा समिति की बैठक से पूर्व अधिकारियों के समक्ष मांग दोहराई गयी।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान द्वारा की गई मांग की पुष्टि करते हुए अपर पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) विजय कुमार ने इस संबंध में फिलहाल कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
उन्होंने बताया, ‘‘बैठक पूरी तरह से सुरक्षा उपायों पर विचार करने के लिए थी। इसमें जरूरत महसूस की गई है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब तक सीसीटीवी का जो सिस्टम अपनाया जाता रहा है, उसे अब अपडेट किया जाए और उससे बेहतर सिस्टम लागू किया जाए।’’
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