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वाराणसी : जांच में सामने आई इंजीनियरों की लापरवाही, क्रॉस बीम न पड़ने से हुआ हादसा

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वाराणसी में हुए फ्लाईओवर हादसे स्थानीय इंजीनियरों की लापरवाही के कारण आज 18 मासूम लोगो की जाने चली गयी। इंजीनियरों की लापरवाही थी की उन्होंने पिलर्स पर समय रहते तीन क्रॉस बीम डालने की ओर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते 18 जानें गईं। काफी लोग घायल भी हुए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बनी तीन सदस्यीय जांच टीम ने बुधवार को मौका मुआयना किया। जांच टीम ने पाया कि पिलर्स पर पांच सीधे बीम तो डाले गए थे, पर उन्हें रोकने के लिए तीन क्रॉस बीम नहीं डाले गए।

क्रॉस बीम के लिए सरिया का स्ट्रक्चर तो बनाया गया था, पर उसमें कंक्रीट का मिक्चर नहीं डाला गया था। नतीजतन, खाली स्ट्रक्चर सीधे पड़े बीम को रोकने में कारगर साबित नहीं हुए। बता दें कि इन सीधे पड़े बीम को फरवरी में मौके पर ही कास्ट किया गया था, इसलिए दो-ढाई महीने बाद भी क्रॉस बीम न डालना बड़ी लापरवाही मानी जा रही है। सूत्रों की मानें तो जांच टीम ने पिलर्स और बीम के बीच की बेयरिंग की गुणवत्ता पर भी प्रश्नचिह्न लगाया है। जांच टीम को सेतु निगम की स्थानीय टीम जरूरी रिकॉर्ड भी नहीं दिखा पाई।

निर्माण की गुणवत्ता की जांच के लिए सैंपल किसी आईआईटी की लैब में भेजने का फैसला भी किया गया है। उच्चस्तरीय जांच टीम ने इस पर भी विचार किया कि निर्माणाधीन पुल के ठीक नीचे से ट्रैफिक कैसे गुजर रहा था। जहां बीम डाले जा रहे थे, उसके नीचे भी क्रॉस करते हुए ट्रैफिक गुजर रहा था। नियमानुसार ऐसा नहीं हो सकता था। ट्रैफिक की आवाजाही सिर्फ सर्विस लेन पर ही हो सकती है। हालांकि, सेतु निगम के इंजीनियरों ने जांच टीम को बताया कि कई बार जिला प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस को ट्रैफिक डायवर्ट करने के लिए पत्र लिखा गया, पर उन्होंने ध्यान ही नहीं दिया।

वहीं, प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के कारण काम जल्दी पूरा करने का चौतरफा दबाव बनाया जा रहा था। बताते हैं कि देर शाम टीम ने ट्रैफिक पुलिस और जिला प्रशासन को सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर और चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर की ओर से लिखे गए पत्र भी मांग लिए। वाराणसी में बदल दी गई सेतु निगम की टीम सेतु निगम के एमडी राजन मित्तल ने बुधवार को वाराणसी में नई टीम की तैनाती कर दी। अरविंद श्रीवास्तव को चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर और संदीप गुप्ता को परियोजना प्रबंधक बनाया गया है।

अवर अभियंता जेएस तिवारी को भी वहां भेजा गया है। ये तीनों सेतु निगम के लखनऊ स्थित मुख्यालय से भेजे गए हैं। इसके अलावा मिर्जापुर से एई शुभलेंद्र सिंह का गाजीपुर यूनिट में तबादला किया गया है। वाराणसी जिला सेतु निगम की गाजीपुर यूनिट के अन्तर्गत ही आता है।

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