पटना : बिहार विधान परिषद में मुख्य विपक्षी सदस्य राजद के संजय प्रसाद ने कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया। जिसे उपसभापति हारूण रसीद ने अस्वीकृत कर दिया। जिससे बौखलाये मुख्य विपक्षी सदस्य भाजपा ने सदन के बेल में पहुंचकर शोर-शराबा एवं हंगामा करने लगे।
उपसभापति के हस्तक्षेप के बाद राजद सदस्य बेल से वापस आकर आसन पर पहुंचकर संजय प्रसाद ने कहा कि आईजीआईएमएस पटना में वर्ष 1996-97 में कोबाल्ट थेरेपी मशीन तथा अन्य उपकरणों के खरीद में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ तथा विजिलेंस जांच के दौरान कई मशीनों पर आरोप तय हुआ। जिससे लेजर मशीन खरीद में डा. दिलीप यादव,डा. सुभाष प्रसाद एवं अन्य लोगों पर आरोप तय हुआ तथा उन पर प्राथमिकी दर्ज हुआ।
लेकिन कोबाल्ट मशीन घोटाले में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी जी की उस समय नेता विरोधी दल होने के नाते संस्थान के शासी निकाय के सदस्य के रूप में मिटिंग में भाग लिये थे तथा खरीद को एप्रूव किये। तमाम उपकरणों के खरीद में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ। इस घोटाले में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की उस समय नेता विरोधी दल भी इस घोटाले में शामिल थे।
सदन में एक प्रश्न के उतर में विधान मंडल दल के नेता राबड़ी देवी ने कहा कि सदन में जब भी विपक्ष जनहित के मामले में सवाल उठाता है तो आसन सरकार के कुछ मंत्री व सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मामले को भयभर्ट कर देते हैं। इसके बाद राबड़ी देवी एवं भाजपा के नवल किशोर यादाव के बीच काफी तु-तु, मैं-मैं हुआ। जहां तक एक दूसरे के देख लेने की बात कही गयी। उपसभापति के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।
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