500 और 1000 रुपये के पुराने नोट को नोटबंदी के बाद चलन से बाहर किए जाने पर अगर आप नोटों को जमा नहीं करा पाए हैं तो आपको एक और मौका मिल सकता है, लेकिन इसके लिए आपके पास उचित कारण होना जरुरी है। दरअसल, 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट को बदलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और RBI से पूछा है कि जो लोग नोटबंदी के दौरान दिए वक्त में चलन से बाहर किए गए 500 और 1000 हजार के पुराने नोट जमा नहीं करा पाए, उन्हें फिर से मौका क्यों नहीं दिया जा सकता? कोर्ट ने वैध कारणों के चलते अमान्य नोटों को जमा नहीं करा सके लोगों को मौका उपलब्ध कराने पर विचार के लिये केंद्र सरकार को दो सप्ताह का समय दिया।
कोर्ट ने कहा कि जो लोग उचित कारणों के चलते रुपये बैंक में जमा नहीं करा पाए, उनकी संपत्ति सरकार इस तरह नहीं छीन सकती है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों के पास पुराने नोट जमा कराने का सही कारण है, उन्हें मौका दिया जाना चाहिए। वहीं केंद्र सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की डिविजन बेंच से कहा है कि वो एफिडेविट फाइल करेगा। इस मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
दरअसल, एक महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि अगर उचित कारण वाले लोगों को एक और मौका नहीं दिया जाता है तो इसे गंभीर मुद्दा माना जाएगा। कोर्ट ने सवाल किया कि अगर कोई रुपये जमा कराने की अवधि में जेल में रहा होगा, तो वो रुपये कैसे जमा कराता? कोर्ट ने कहा कि ऐसे हालात को समझते हुए सरकार ऐसे लोगों के लिए कोई ना कोई विंडो जरूर दें। कोर्ट ने इस मुद्दे पर विचार कर सरकार को जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।